DU के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा को राहत, हाईकोर्ट ने उम्रकैद पर लगाई रोक

साई बाबा फिलहाल जेल में बंद हैं. उन्हें मई 2014 में नक्सलियों के साथ कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से पहले व्हीलचेयर से चलने वाले प्रोफेसर साई बाबा दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे.

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Former Delhi University Professor GN Saibaba was arrested in 2013 over suspected Maoist links. Former Delhi University Professor GN Saibaba was arrested in 2013 over suspected Maoist links.

विद्या

  • मुंबई,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागुपर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंध मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया है. 

गढ़चिरौली कोर्ट ने 2017 में साईबाबा और अन्य को दोषी करार दिया था. इसके बाद से ये सभी जेल में बंद हैं. इन छह लोगों में से एक पांडु नरोटे की मौत हो चुकी है.

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नक्सलियों से कनेक्शन मामले में 2014 में हुई थी गिरफ्तारी 

साई बाबा फिलहाल जेल में बंद हैं. उन्हें मई 2014 में नक्सलियों के साथ कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से पहले व्हीलचेयर से चलने वाले प्रोफेसर साई बाबा दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद साई बाबा पर शिकंजा कसा गया था. हेम ने जांच एजेंसियों के सामने दावा किया था कि वह छत्तीसगढ़ के अबुजमाड़ के जंगलों में छिपे हुए नक्सलियों और प्रोफेसर के बीच एक कूरियर के रूप में काम कर रहे थे. 

जीएन साईंबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं. उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में पांच अन्य को भी सजा सुनाई गई थी. 

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कौन हैं साईबाबा

आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में पैदा हुए जी.एन. साईबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं. 2003 में दिल्ली आने से पहले उनके पास वीलचेयर खरीदने के भी पैसे नहीं थे. लेकिन पढ़ाई में हमेशा से वह काफी तेज थे. साईंबाबा 9 मई,2014 में गिरफ्तार होने से पहले राम लाल कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर थे.उनकी लव मैरिज हुई थी. उनकी मुलाकात उनकी पत्नी वसंत से एक कोचिंग क्लास में हुई थी.

अखिल भारतीय पीपुल्स रेजिस्टंस फोरम (एआईपीआरएफ) के एक कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने कश्मीर और उत्तर पूर्व में मुक्ति आंदोलनों के के समर्थन में दलित और आदिवासी अधिकारों के लिए प्रचार करने के लिए 2 लाख किमी से अधिक की यात्रा की थी. 7. साईबाबा पर शहर में रहकर माओवादियों के लिए काम करने का आरोप है. क्रांतिकारी डेमोक्रेटिक फ्रंट माओवादियों का गुट है. इन पर इस गुट के सदस्य होने का आरोप था. हालांकि खुद उन्होंने हमेशा ही माओवादियों का साथ देने के आरोप को झूठा बताया है.

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