'आखिरी बार 21 साल पहले...', SIR क्यों जरूरी, चुनाव आयोग ने बताए चार कारण

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पिछले वर्षों में कई राजनीतिक दलों ने आयोग को मतदाता सूची की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए शिकायतें भेजीं. उन्होंने कहा कि आठ बार देश में SIR हुआ है, और अब नौवीं बार यह राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जा रहा है.

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CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूचियां आज रात फ्रीज होंगी (Photo- PTI) CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूचियां आज रात फ्रीज होंगी (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:19 PM IST

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए देश भर में विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया के दूसरे चरण को शुरू करने की घोषणा की. यह प्रक्रिया करीब 21 साल बाद हो रही है.

उन्होंने बताया कि 2002 से 2004 के बीच आखिरी बार यह प्रक्रिया पूरी की गई थी. अब मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को कई राजनीतिक दलों से मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए लगातार पत्र मिलते रहे हैं.

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CEC ने बताया कि देश में यह SIR प्रक्रिया आठवीं बार हो रही है, लेकिन आखिरी बार लगभग 21 साल पहले (2002 से 2004 के बीच) यह पूरा किया गया था. इस लंबे अंतराल को देखते हुए मतदाता सूची में कई आवश्यक बदलाव आ चुके हैं.

यह भी पढ़ें: UP, बंगाल समेत देश के इन 12 राज्यों में कल से शुरू होगा SIR, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

SIR क्यों ज़रूरी? चुनाव आयोग ने बताए चार मुख्य कारण

ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची में बड़े बदलावों को देखते हुए SIR आवश्यक है. इसके चार प्रमुख कारण ये हैं:

लोगों का माइग्रेशन (प्रवासन): भारत की विकास गाथा के साथ लोगों का बड़ी संख्या में एक जगह से दूसरी जगह जाना.

दोहरी/एकाधिक प्रविष्टि: माइग्रेशन के कारण मतदाताओं का नाम पुरानी जगह के साथ-साथ नई जगह भी रजिस्टर हो जाता है, जिससे एक से ज़्यादा जगह पंजीकृत होने वाले वोटर की समस्या पैदा होती है.

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मृत्यु के बावजूद नाम का रहना: मतदाता की मृत्यु होने के बावजूद भी उसका नाम सूची में रह जाना.

विदेशी नागरिकों का नाम: गलती से किसी भी विदेशी नागरिक का नाम मतदाता सूची में आ जाना.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इन चार कारणों की वजह से चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है कि पूरे देश में यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से करवाई जाएगी.

बिहार में सफलतापूर्वक पूरा हुआ पहला चरण

CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR की पहली कड़ी बिहार में सफलतापूर्वक समाप्त हो चुकी है. उन्होंने सफल SIR में भाग लेने वाले 7.5 करोड़ मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि बिहार में शून्य अपील (Zero Appeals) के साथ यह चरण पूरा हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन राज्यों में SIR आयोजित किया जाएगा, वहाँ मतदाता सूची आज रात से फ्रीज़ (जमा) कर दी जाएगी.

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