कैलाश गहलोत 5 घंटे बाद ईडी दफ्तर से निकले, शराब घोटाले में हुई पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को समन भेज कर आज ही पेश होने का निर्देश दिया. ईडी के इस समन पर पूछताछ के लिए कैलाश गहलोत जांच एजेंसी के ऑफिस पहुंचे. वहां उनसे पांच घंटे तक पूछताछ की गई.

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दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत से ED ने की पूछताछ. (फाइल फोटो) दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत से ED ने की पूछताछ. (फाइल फोटो)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की शराब घोटाले में मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को पूछताछ के लिए समन भेजा था. एजेंसी ने उन्हें आज (शनिवार) पेश होने का निर्देश दिया था. ईडी के समन के बाद कैलाश गहलोत ईडी के ऑफिस पहुंच गए हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है

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इस मामले में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई नेताओं को जांच एजेंसियां पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं. जांच एजेंसी का कहना है कि कैलाश गहलोत उस ग्रुप का हिस्सा थे, जिन्होंने इस शराब नीति के मसौदे को तैयार किया था. ये मसौदा साउथ के ग्रुप को लीक किया गया था.

'शराब कारोबारी को दिया सरकारी घर'

साथ ही कैलाश गहलोत पर साउथ के शराब कारोबारी विजय नायर को अपना सरकारी आवास भी देने का आरोप है. ईडी ने पहले भी कहा था कि इस दौरान कैलाश गहलोत ने अपना मोबाइल नंबर भी कई बार बदला था.

दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री हैं गहलोत

बता दें कि दिल्ली सरकार में कैलाश गहलोत परिवहन मंत्री हैं. उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. केजरीवाल 1 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में हैं.

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क्या है शराब घोटाला?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया. नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं थीं. 

दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों थी और जब बाद में बवाल ज्यादा बढ़ तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया. कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था.

इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया. इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया.

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