राजधानी दिल्ली में थोड़ी सी बारिश में पानी से लबालब भरी सड़कों के दृश्य दिखना आम बात है. लेकिन गुरुवार को दिल्ली में दिनभर बारिश हुई. सुबह जब लोग दफ्तरों के लिए घर से बाहर निकले तो उन्हें लगा कि जलमग्न सड़कों और ट्रैफिक से उनका सामना होगा. लेकिन इस बार ऐसा नहीं था.
दिल्ली में बारिश के बाद विशेष रूप से 32 चुनिंदा प्वॉइंट्स पर भारी जलभराव होता है. अंडरपास में पानी भर जाता है और जिन रास्तों पर भारी ट्रैफिक होता है, वहां पानी भरने से लोग घंटों जाम से जूझते हैं. लेकिन गुरुवार को जब दिल्ली वाले अपने दफ्तरों के लिए निकले तो उन्हें आईटीओ, मिंटो ब्रिज, जखीरा और आजाद मार्केट जैसे मेन पॉइंट्स पर ना तो वॉटर लॉगिंग देखने को मिली और ना ही ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ा. लेकिन ऐसा कैसे हुआ?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मॉनसून आने से पहले ही अधिकारियों के साथ बैठक की थी और खुद उन लोकेशंस का दौरा किया था, जहां बारिश के दिनों में जलभराव अधिक होता है. सीएम गुप्ता ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वह जलभराव की स्थिति को लेकर गंभीर रहे. इसके अलावा सरकार ने दिल्ली के बड़े नालों की सफाई का काम तेजी से किया लेकिन छोटे नालों का ड्रेन सिस्टम बेहतर न होने के चलते पहली बारिश मे दिल्ली में जलभराव हुआ. लेकिन तस्वीर सामने आने के बाद रेखा गुप्ता सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए. इस दौरान दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा भी सड़कों पर नजर आए और सरकार की तरफ से दिल्ली के उन तमाम 32 पॉइंट्स को मॉनिटर किया गया और उन पर बड़े-बड़े वाटर पंप लगाए गए. सड़कों पर भरे पानी को बड़े नालो में शिफ्ट किया गया.
बता दें कि दिल्ली में पहली बार ऐसी स्थिति को लेकर वॉर रूम तैयार किया. रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली में वॉटर लॉगिंग ना हो इसके लिए वॉर रूम भी तैयार किया गया, जहां दिल्ली के अलग-अलग पॉइंट्स की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही है. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी उन कॉलोनी में भी सरकार की नजर रखी गई, जहां लोग वॉटर लॉगिंग से जूझते हैं.
आईटीओ पर पानी क्यों नहीं भरा? सबसे बड़ी गनीमत रही कि आईटीओ चौक जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है सरकार की तरफ से दोनों तरफ आईटीओ से लुटियंस जोन की तरफ जाने वाले रास्ते पर और आईटीओ से राजघाट जाने वाले रास्ते पर वाटर पंप लगाए गए हैं. इन 6 महीने में रेखा गुप्ता सरकार ने आईटीओ पर नए नाले का निर्माण किया जिसके कारण आईटीओ पर वाटर लॉगिंग इस बार नजर नहीं आई.
दिल्ली में भारी बारिश के चलते रेखा गुप्ता सरकार ने कई बार अधिकारियों की बैठक की. इस बैठक में पीडब्ल्यूडी और एमसीडी के तमाम कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिन इलाकों में वॉटर लॉगिंग होती है. वहां पर सफाई कर्मचारी तुरंत साफ-सफाई करें. यही वजह थी कि दिल्ली की बड़ी-बड़ी सड़कों पर पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी नजर आए. ऐसा नहीं है दिल्ली के किसी भी इलाके में पानी नहीं भरा, जहां पानी भरा वो भी महज आधे घंटे मे निकल गया.
साउथ दिल्ली का एम्स अंडरपास हो या फिर कालकाजी या जाकिर हुसैन मार्ग इन रास्तों पर पानी भरा लेकिन 30 से 45 मिनट में यह पानी सड़कों से गायब हो गया. हालांकि रेखा गुप्ता सरकार का मानना है कि वॉटर लॉगिंग उसे माना जाता है कि जब चार से पांच घंटे तक सड़कों पर पानी भरा रहे और उसकी निकासी ना हो. दरअसल इस बार सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर नालों की सफाई हुई है. इसके चलते इस बार दिल्ली में पिछली सरकारों के मुकाबले वॉटर लॉगिंग कम नजर आई.
सुशांत मेहरा