दिल्ली-एनसीआर में कल (9 जुलाई) आई बारिश मूसलाधार आफत बनकर बरसी. राजधानी में मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली है, बुधवार शाम को बारिश शुरू हुई तो दिल्ली और गुरुग्राम के नाक तक पानी भर गया. सबसे बुरे हालात गुरुग्राम के थे, जहां सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया.
मयू़र विहार के एनएच24 के नीचे पानी भर गया तो वहीं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अलकनंदा ने रौद्र रूप दिखा दिया है. महादेव की प्रतिमा जल समाधि ले चुकी है. हिमाचल प्रदेश में पिछले 20 दिनों में 85 मौतें हो चुकी हैं और 34 लोग अब भी लापता हैं. वहीं, 129 लोग घायल हैं. (इनपुट: अमन भारद्वाज)
हर बार की तरह इस बार भी गुरुग्राम सीवेज सिस्टम ने बारिश के आगे सरेंडर कर दिया. सेक्टर 6 में शीतला माता मंदिर के पास इतना पानी भर गया कि ये पता लगाना मुश्किल हो गया कि गाड़ियां चल रही हैं या तैर रही हैं.
गुरुग्राम के SPR रोड पर अचानक सड़क धंस गई और वहां से गुजर रहा ट्रक गड्ढे में फंस गया. ये हाल उस शहर का है, जो हाईटेक है, आईटी हब है, लाखों नौकरियों देता है और अरबों की कमाई करता है लेकिन सरकार इस शहर को जैसे डुबाने पर तुली है.
मूसलाधार प्रहार से राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं रही. भारी बारिश की वजह से दिल्ली की सड़कों पर सैलाब दिखा. कुछ इलाकों में तीन फीट से ज्यादा पानी भर गया. मयूर विहार के पास एनएच 24 के नीचे कई गाड़ियां फंस गईं.
राजस्थान के धौलपुर में नेशनल हाइवे पर पानी भर गया, जिसकी वजह से वहां से गुजर रहे लोगों को काफी परेशानी हुई.
यूपी का मुजफ्फऱनगर कांवड़ यात्रा रूट का प्रमुख जिला है. आज से यात्रा शुरू होने वाली लेकिन उससे पहले यहां का हाल बेहाल है.
हरियाणा के झज्जर में भी बारिश की वजह से स़ड़कें डूब गईं, तेज बरसात ने शहर की रफ्तार रोक दी, जहां के तहां कई गाड़ियां फंसी रहीं.
पहाड़ों का हाल भी बेहाल है. उत्तराखंड में जबरदस्त बारिश हो रही है. बीती रात से हो रही बारिश से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में बरसाती नाले उफान पर आ गए हैं.
सड़कों पर बरसाती नालों का पानी बह रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वही पहाड़ों से कई स्थानों पर मलबा आने के कारण कई ग्रामीण सड़क भी बीच-बीच में बंद हो रही हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी रौद्र रूप दिखा रही है. घाट पर बनी महादेव की प्रतिमा जल समाधि ले चुकी है. पहाड़ों पर मूसलाधार प्रहार का असर ये है कि नदियों में उफान है, घाट डूब गए हैं. लोगों को नदियों के किनारे नहीं जाने की हिदायत दी गई है.
पहाड़ों का यही पानी गंगा के रास्ते जब मैदानी इलाकों में पहुंचता है तो बाढ़ और तबाही एकसाथ लाता है. प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानों पर साफ दिख रहा है.
प्रयागराज का दशाश्वमेध घाट अब पानी में डूब गया है, प्रयागराज जिला प्रशासन हालत पर नजर बनाए हुए है. हालांकि अभी गंगा का लेवल खतरे के निशान से नीचे है.
aajtak.in