राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14 अक्टूबर 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 211 दर्ज किए जाने के बाद, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन (CAQM) ने पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज 1 लागू किया है. दिल्ली की एयर क्वालिटी को "खराब" श्रेणी में रखा गया है.
यह कदम भारतीय मौसम विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITM) के पूर्वानुमानों के बीच उठाया गया है, जिसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर इसी श्रेणी में रहने की आशंका है.
यह फैसला GRAP की उप-समिति द्वारा लिया गया, जिसने मौजूदा वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की समीक्षा की.
समिति ने एनसीआर की सभी संबंधित एजेंसियों को वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए स्टेज 1 के उपायों को तत्काल लागू करने, निगरानी करने और समीक्षा करने का निर्देश दिया है.
GRAP-I क्या है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार किए गए स्तरीकृत उपायों और दिशानिर्देशों का एक ढांचा है. GRAP के अंतर्गत AQI पैमाने में पांच श्रेणियां हैं:
GRAP का स्टेज 1 "खराब" एयर क्वालिटी (AQI 201-300) से संबंधित है. इस स्टेज के अंतर्गत निम्नलिखित उपाय शामिल हैं:
ग्रैप 1 के अंतर्गत नागरिकों के लिए एडवाइजरी
राज्यों में को-ऑर्डिनेशन एक्शन
सीएक्यूएम का आदेश उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा की सरकारों को भेज दिया गया है, क्योंकि इन राज्यों के कुछ हिस्से एनसीआर क्षेत्र में आते हैं. एनसीआर की एजेंसियों को कड़ी निगरानी रखने और जीआरएपी के तहत बताए गए उपायों को और तेज़ करने की जरूरत है.
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GRAP पर सब-कमेटी स्थिति की निगरानी जारी रखेगी और एक्यूआई के रुझानों और पूर्वानुमानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की समीक्षा करेगी, जिससे बिगड़ती एयर क्वालिटी के लिए एक समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके.
पर्यावरण के जानकार प्रदूषण में बढ़ोतरी के लिए व्हीकल्स से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियों, पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेषों को जलाने और वायु प्रदूषण को सीमित करने वाली मौसम की स्थिति को जिम्मेदार मानते हैं.
सुशांत मेहरा