'परोसा जा रहा बासी खाना, कूलर तक नहीं...', रेखा शर्मा ने शेयर की आशा किरण शेल्टर होम में बदइंतजामी की तस्वीरें

रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है. जानकारी के मुताबिक 14 लोगों में से एक नाबालिग है जिसकी उम्र 14 से 15 बताई जा रही है. अन्य 13 लोग 20 वर्ष से ऊपर के हैं, जिनकी मौत हुई है.

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रोहिणी में स्थित आशा किरण शेल्टर होम रोहिणी में स्थित आशा किरण शेल्टर होम

सुशांत मेहरा / मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

दिल्ली के रोहिणी के आशा किरण में जुलाई महीने में 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. इस मामले में दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके पहले 13 लोगों की मौत का आंकड़ा आया था. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि जुलाई में दिल्ली के रोहिणी के आशा किरण होम (मानसिक रूप से विकलांगों के लिए) में 13 मौतें हुई हैं. हालांकि पूरे जुलाई महीने का आंकड़ा देखें तो एक मौत 15 जुलाई से पहले हुई है, इसलिए मौतों की संख्या 14 हो गई है. इन 14 लोगों में से एक नाबालिग है.

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छह महिलाएं और एक नाबालिग भी शामिल
दिल्ली सरकार के रोहिणी स्थित आशा किरण सेंटर में चौदह लोगों की मौत हो गई है जिसमें से छह महिलाएं हैं और एक नाबालिग भी है. ये पहला ऐसा मामला नहीं है, काफी सालों से वहां पर मौतें देखी जा रही हैं. आजतक ने इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चीफ रेखा शर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि, हर साल (2017, 1018, 2019, 2020 और 2021) इस तरह की खबरें आती हैं, एक महीने में कितने लोगों की मौत हुई. दिल्ली आयोग की पूर्व चेयरपर्सन भी पहले ये बात उठा चुकी हैं, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई. 

सेंटर में परोसा जा रहा बासी खानाः रेखा शर्मा
रेखा शर्मा ने खाने में फंगस के साथ ये तस्वीरें शेयर की हैं. मेनू में विभिन्न आइटम हैं, कुछ भी उपलब्ध नहीं है. शेल्टर होम में रहने वाले लोगों का बीएमआई कम है. सेंटर में गर्मी से मौतों में उछाल आया है और यहां कूलर भी नहीं है. बासी खाना परोसा जा रहा है.

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इस शेल्टर्स का ऑडिट जरूरीः NCW
रेखा शर्मा ने कहा कि इतने दिनों से यह संस्था चल रही है, इसके कार्यों की ऑडिट कराई जानी चाहिए और इसके लिए समीक्षा की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर, इसके बाद जरूरत हो तो इस संस्था को बंद करवाना भी जरूरी है, क्यों जो लोग वहां हैं, उन्हें हॉस्पिटल में होना चाहिए न कि शेल्टर होम में.  उन्होंन कहा कि मुझे नहीं लगता कि मानसिक रोगियों के लिए शेल्टर होम होते हैं, बल्कि उन्हें अस्पतालों में होना चाहिए. 

लापरवाह अफसरों पर होगी कार्रवाई
ये जांच का विषय है कि, क्या उन्हें वहां दवाइयां मिल रही थीं, कौन सी एजेंसी उसे चला रही है, और इतनी अनदेखी के बावजूद उन्हें कॉन्टिन्यू किया जा रहा है. इन सारे सवालों के जवाब के लिए तह तक जाने की जरूरत है और इसकी स्टडी के लिए कहा है. इसमें जो भी दोषी हैं और जो भी जिम्मेदार हैं, इसकी जानकारी हमें जनता को भी देनी है. रेखा शर्मा ने बताया कि उन्होंने इसकी जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है, जो इन सभी सवालों के जवाब खोजेगी.  इसके बाद जो भी जिम्मेदार अफसर होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में चलने वाले नाइट शेल्टर (रैन बसेरा) की भी जांच की जाएगी. NCW ने इन सभी के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम बना दी है.

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20 दिनों में 14  लोगों की मौत
सामने आया है कि, पिछले 20 दिनों के दौरान 14 लोगों की मौत हो गई है. मामला रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है. यह दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक 14 लोगों में से एक नाबालिग है जिसकी उम्र 14 से 15 बताई जा रही है बाकी 13 लोगो उम्र 20 साल से ऊपर बताई जा रही है.

15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच शेल्टर में 13 लोगों की मौत हो गई. इनमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष हैं. वहीं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच एक और शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया था, जिसके कारण मरने वालों का आंकड़ा 14 बताया जा रहा है.

क्या बोलीं मंत्री आतिशी?
ये मौतें कथित तौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कुपोषण की वजह से बताई जा रही है. इससे पता चलता है कि बच्चों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. आतिशी ने कहा कि राजधानी दिल्ली में ऐसी खबर सुनना बहुत चौंकाने वाला है और अगर यह सच पाया जाता है तो हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं कर सकते. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए ताकि इन बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ऐसे सभी केयर होम की स्थिति में सुधार करने के लिए पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कठोर कदम उठाए जा सकें.

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