'राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता रद्द करना चाहते हैं...', हस्ताक्षर विवाद पर बोले संजय सिंह

पांच सांसदों का दावा है कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था. यह प्रस्ताव AAP सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था. विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं, एक बीजद से हैं और अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं. इस मुद्दे पर अमित शाह ने जांच की मांग की थी. 

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राघव चड्ढा और संजय सिंह (फाइल फोटो) राघव चड्ढा और संजय सिंह (फाइल फोटो)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

दिल्ली सेवा बिल सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया था. इससे पहले पांच सांसदों ने आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा पर बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया था कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था. इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने आप पर निशाना साधते हुए कहा था कि  यह सदन की कार्यवाही में बड़ा फर्जीवाड़ा है. उन्होंने तुरंत ही उपसभापति से मामले में जांच और कार्रवाई की अपील की थी. अब इस पर आप के सभी 10 सांसदों (9 राज्यसभा, 1 लोकसभा) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया. 

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आप सांसद संजय सिंह ने कहा, सरकार ने एक नई परंपरा शुरू की. जो सरकार के खिलाफ बोले, उसकी सदस्यता रद्द कर दो, उसे निलंबित कर दो, उसे बाहर करो, उसे गिरफ्तार करो. इससे अच्छा सीधे सीधे तानाशाही का ऐलान कर दो, लोकतंत्र की क्या जरूरत है? उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, देश के दूसरे नंबर के मंत्री हो, सदन की कार्यवाही के बारे में इतना ज्ञान रखो कि किसी भी कमेटी में किसी भी सदस्य द्वारा नाम प्रस्तावित किया जा सकता है. 
 
संजय सिंह ने कहा, राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता रद्द करना चाहते हैं. लेकिन हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं, लड़ना जानते हैं. अगर आप राघव चड्ढा की सदस्यता रद्द करते हैं, तो वे फिर से चुनकर आ जाएंगे. 
 
राघव चड्ढा ने कहा, BJP का मूल मंत्र है कि 1000 बार झूठ बोलो और वो सच लगने लगेगा. ये दुष्प्रचार शुरू किया गया कि जाली हस्ताक्षर किए गए. रूल बुक के मुताबिक, कमेटी के लिए नाम प्रस्तावित करने के लिए हस्ताक्षर नहीं चाहिए होते हैं. उन्होंने कहा, मैं बीजेपी नेताओं को चुनौती देता हूं कि वो कागज दिखाएं, जिसमें हस्ताक्षर किए गए. 

 

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आप सांसद चड्ढा ने कहा, हमने सिर्फ प्रस्ताव दिया था, किसी को जबरदस्ती नहीं बिठाया गया. इन्हें दर्द है कि कैसे सुपारी जैसी पार्टी के युवा नेता ने BJP से सवाल पूछे. इसलिए बीजेपी मेरे पीछे पड़ गई है. एक हफ्ते में दूसरी बार प्रिवलेज नोटिस मिला. यह BJP द्वारा अघोषित आपातकाल लगाने की कोशिश है. लेकिन ये आवाज नहीं दबेगी. 

उन्होंने कहा,  BJP के झूठ का कोई मुकाबला नहीं है. मैं भगत सिंह की जमीन से आता हूं, दूध का दूध और पानी पानी हो जाएगा. चड्ढा ने कहा, शिकायत में कहीं भी फर्जी शब्द का इस्तेमाल नहीं है. मीडिया वाले फर्जी शब्द न इस्तेमाल करें. BJP सांसद जिन्होंने फर्जी शब्द कहकर आरोप लगाए उन पर कानूनी कार्रवाई करूंगा

राघव चड्ढा से सवाल किया कि क्या रूल बुक के तहत नाम प्रस्तावित करने के लिए सांसद की मौखिक तौर पर सहमति लेना होता है? इस पर राघव ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि वह प्रिविलेज कमेटी के सामने ही अब तमाम जवाब देंगे.

क्या है मामला?

दरअसल, पांच सांसदों का दावा है कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था. यह प्रस्ताव AAP सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था. विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं, एक बीजद से हैं और अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं. इस मुद्दे पर अमित शाह ने जांच की मांग की थी. 

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इस विवाद के सामने आते ही राज्यसभा के उपसभापति ने आश्वासन दिया है कि इसकी जांच कराई जाएगी. बता दें कि इन पांचों सांसदों में सस्मित पात्रा (BJD), नरहरि अमीन (BJP), सुधांशु त्रिवेदी (BJP), नागालैंड से सांसद फांगनोन कोन्याक (BJP) और लोकसभा के पूर्व उपसभापति थंबीदुरई शामिल हैं. थंबीदुरई अन्नाद्रमुक सांसद हैं.

 

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