'ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ दिखावा था, कहां मारे गए आतंकी?' कांग्रेस विधायक ने सरकार से मांगे सबूत

भारत ने जिस 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तानी आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए गए थे उस पर अब एक कांग्रेस विधायक ने सवाल खड़े कर दिए हैं. कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठाते हुए इसे 'महज दिखावा' करार दिया.

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कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उठाए सवाल कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उठाए सवाल

सगाय राज

  • बेंगलुरु,
  • 16 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:28 AM IST

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज़ होती जा रही है. कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने इस सैन्य कार्रवाई पर संदेह जताते हुए कहा है कि 'यह सिर्फ दिखावा था, इससे न तो कोई न्याय मिला और न ही पहलगाम हमले के पीड़ितों को सच्ची सांत्वना.'

मंजुनाथ ने तल्ख अंदाज में कहा, 'कुछ हुआ ही नहीं. बस दिखावे के लिए तीन-चार विमान ऊपर से भेजे और वापस बुला लिए. क्या इससे पहलगाम में मारे गए 26-28 लोगों को इंसाफ मिलेगा? क्या उन महिलाओं का दुख इस तरह कम होगा? क्या यही तरीका है उनका सम्मान करने का?'

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सरकार के दावों पर उठाए सवाल
भारत सरकार ने 7 मई को किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दावा किया था कि पाकिस्तान में 9 बड़े आतंकी लॉन्चपैड तबाह किए गए और करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया. लेकिन विपक्ष और अब कांग्रेस विधायक मंजुनाथ इस दावे को संदेह की नजर से देख रहे हैं.

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मंजुनाथ ने 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हमले के जिम्मेदार आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि पर भी संदेह जताया. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, 'क्या पक्के तौर पर पता है कि 100 आतंकवादी मारे गए? उनकी पहचान क्या है? क्या वे वही आतंकी थे जिन्होंने 22 अप्रैल को बाईसारन घाटी में हमला किया था?' 

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उन्होंने कहा, 'क्या यह पुष्टि हुई कि 100 आतंकवादी मारे गए? वे आतंकवादी कौन थे जो हमारी सीमा में घुसे? उनकी पहचान क्या है? सीमा पर सुरक्षा क्यों नहीं थी? वे कैसे भाग निकले? हमें आतंकवाद की जड़, शाखाओं और तनों को पहचानकर खत्म करना चाहिए.' उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की पूर्ण विफलता करार दिया.

'खबरें एक जैसी नहीं, किस पर करें भरोसा?'
विधायक ने मीडिया पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा,'सभी टीवी चैनल अलग-अलग कहानियां सुना रहे हैं. कोई चैनल कहता है यहां मारा, कोई कहता है वहां मारा. कोई नहीं बता रहा कि असल में मारा कौन गया, कहां मारा गया, कितने मारे गए. सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया.'

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उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बड़ी खुफिया चूक (Intelligence Failure) थी और जब तक आतंकवाद की जड़ों को नष्ट नहीं किया जाता, समाधान संभव नहीं है. मंजुनाथ ने नागरिकों के खिलाफ किसी भी तरह के युद्ध का विरोध करते हुए कहा, 'हम कर्नाटक, पाकिस्तान, चीन या बांग्लादेश, कहीं भी नागरिकों के खिलाफ युद्ध के खिलाफ हैं. क्या आप जानते हैं कि उन महिलाओं के सामने उनके पतियों को कैसे मारा गया? यह कार्रवाई उनका दुख नहीं मिटा सकती यह समाधान नहीं है.'

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भारत का जवाब: सिर्फ आतंकी मारे गए, आम नागरिक नहीं
भारत सरकार लगातार कह रही है कि सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए, आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. यह कार्रवाई पाकिस्तान से आए ड्रोन हमलों और पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए थे.
 

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