कांग्रेस चुनावी प्रक्रिया में जनता का भरोसा बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक इस्तेमाल पर अपना राजनीतिक अभियान जारी रखेगी. पार्टी नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को यह बयान दिया. कांग्रेस की ओर से यह बात तब कही गई जब सुप्रीम कोर्ट ने ‘EVM’ के जरिये डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) के साथ शत-प्रतिशत मिलान कराने संबंधी याचिकाएं खारिज कर दीं.
कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी: जयराम रमेश
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज खारिज की गई याचिका में कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी. रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'हमने दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले पर ध्यान दिया है. परंतु चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा.'
भाजपा पर साधा निशाना
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस के लिए 'करारा तमाचा' बताए जाने पर भी निशाना साधा और कहा कि जब शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया तो भाजपा को 'करारा तमाचा' लगा था.
कांग्रेस महासचिव ने 'एक्स' पर कहा, 'याद रखें कि कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार से भरी चुनावी बॉण्ड योजना को न केवल अवैध, बल्कि असंवैधानिक घोषित करके प्रधानमंत्री को करारा तमाचा मारा था.'
रमेश ने कहा, 'वास्तव में यह प्रधानमंत्री हैं जिन्हें चंदा इकट्ठा करने के अपने सुप्रलेखित चार रास्तों के माध्यम से पिछले पांच वर्षों में 8,200 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.
1. चंदा दो, धंधा लो
2. ठेका लो, घुस दो
3. हफ्ता वसूली
4. 'फ़र्ज़ी कंपनियां.'
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने EVM के माध्यम से डाले गए मतों का 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (वीवीपीएटी) के साथ पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि प्रणाली के किसी भी पहलू पर 'आंख बंद करके अविश्वास' करना अनुचित संदेह पैदा कर सकता है.
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