4 मिनट के VIDEO में देखें 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी पिक्चर, सबूत मांगने वालों की हो जाएगी बोलती बंद

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेना की ओर से एक प्रेस ब्रीफिंग की गई है जिसमें टारगेट किए गए आतंकी कैंपों की पूरी डिटेल दी गई है. पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पास पर्याप्त सबूत हैं और आतंकियों गतिविधियों में इन टेरर कैंप की भूमिका साफ हो चुकी है.

Advertisement
ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस ब्रीफिंग ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस ब्रीफिंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर मंगलवार रात एयरस्ट्राइक की है. इस सैन्य कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया है. भारत ने इस हमले के जरिए न सिर्फ पहलगाम हमले बल्कि इससे पहले हुए मुंबई अटैक, संसद हमला जैसी कई आतंकी वारदातों को हिसाब बराबर कर लिया है. भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को बमबारी करके तबाह कर दिया है.

Advertisement

भारत का नपा-तुला एक्शन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की ओर से की गई प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि खुफिया जानकारी और आतंकी संगठनों की संलिप्तता की पुष्टि होने के बाद इन कैंप को टारगेट किया गया है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने अपने अधिकार के तहत नपी-तुली, जिम्मेदारी पूर्ण और बिना किसी उकसावे वाली कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसके अलावा इस ब्रीफिंग में सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी शामिल हुईं जिन्होंने इस पूरे ऑपरेशन की बारीकियों के बारे में बताया.

ये भी पढ़ें: एयरस्ट्राइक में उजड़ गया आतंकी मसूद अजहर का कुनबा, परिवार के 10 लोग मारे गए, 4 गुर्गे भी ढेर

सेना की ओर से बताया गया कि 6 मई की रात 1 से 1.30 बजे के बीच इस सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. इसके अलावा इस ब्रीफिंग में आतंकी कैंप के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि उन्हें टारगेट करने के पीछे क्या वजह रही. इन कैंपों के जरिए भारत के खिलाफ आतंकी साजिश और प्लानिंग की जा रही थी, जिसे लेकर पर्याप्त सबूत थे.  

Advertisement

सवाई नाला कैंप (PoK)

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि मुजफ्फराबाद के सवाई नाला कैंप को टारगेट किया गया है, जो कि LoC से 30 किमी दूर है. उन्होंने बताया कि यह लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर था. 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, इसके बाद गुलमर्ग और पहलगाम में हुए आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों ने यहीं पर ट्रेनिंग ली थी.

यहां देखें VIDEO

बिलाल कैंप (PoK)

इसके अलावा मुजफ्फराबाद के ही सैयदना बिलाल कैंप को निशाना बनाया गया है जो कि जैश का अहम ठिकाना था. यहां से हथियार, विस्फोटक मुहैया कराए जाते थे और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग दी जाती थी.

कोटली गुलपुर (PoK)

कर्नल सोफिया ने बताया कि कोटली के गुलपुर कैंप को भी निशाना बनाया गया है जो कि एलओसी से 30 किमी दूर था और यह लश्कर का बेस कैंप था. राजौरी-पुंछ जैसे इलाके में काफी एक्टिव था. 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में और 9 जून 2024 को तीर्थ यात्रियों की बस पर हुए हमले में शामिल आतंकियों को यहीं पर ट्रेंड किया गया था.

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि कोटली अब्बास कैंप LoC से 13 किमी दूर है और लश्कर-ए-तैयबा के फिदायीन आतंकियों को यहां ट्रेनिंग दी जाती थी. उन्होंने बताया कि कोटली में 15 आतंकियों के एक साथ ट्रेंड किया जा सकता था. इस कैंप पर एयरस्ट्राइक की गई है.

Advertisement

बरनाला कैंप (PoK)

कर्नल ने बताया कि एलओसी से 9 किमी दूर स्थित भिंभर के बरनाला कैंप को भी टारगेट किया गया है. इस कैंप के जरिए हथियार, IED, हैंडलिंग और जंगल ट्रेनिंग दी जाती थी. 

सरजल कैंप (PAK)

पाकिस्तान में स्थित टारगेट के बारे में जानकारी देते हुए सोफिया कुरैशी ने बताया कि यहां सियालकोट के सरजल कैंप को टारगेट किया गया है जो कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किमी दूर स्थित है. उन्होंने बताया कि मार्च 2025 में जम्मू और कश्मीर के 4 जवानों की हत्या करने वाले आतंकियों को इसी कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी.

महमूना जोया कैंप (PAK)

कर्नल कुरैशी ने बताया कि महमूना जोया आतंकी कैंप को भी निशाना बनाया गया है और यह इंटरनेशनल बॉर्डर से 12-18 किमी दूर स्थित है. हिज्बुल आतंकियों का सेंटर महमूमा कैंप से जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जाता था. उन्होंने बताया कि पठानकोट में हुआ आतंकी हमला भी इसी कैंप से डायरेक्ट और प्लान किया गया था.

मुरीदके (PAK)

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि मुरीदके के मरकज-ए- तैयबा पर भी एयरस्ट्राइक की गई है, जो कि इंटरनेशन बॉर्डर से 18-25 किमी दूर स्थित है. उन्होंने बताया कि मुंबई हमले के आतंकियों को यहीं पर ट्रेनिंग दी गई थी. कर्नल ने बताया कि मुंबई हमले में पकड़ा गया एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली भी यहीं ट्रेंड हुए थे.

Advertisement

बहावलपुर (PAK)

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कर्नल सोफिया ने बताया कि बहावलपुर स्थित मरकज सुहानअल्ला को भी टारगेट किया गया है जो कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से करीब 100 किमी दूर है. उन्होंने बताया कि यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जहां पर आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग की जाती थी. पाकिस्तान के तमाम बड़े आतंकी नियमित रूप से यहां आते थे.

ये भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के भारत ने दिखाए एक-एक सबूत... पाकिस्तान में कहां गिरीं मिसाइलें, कैसे उड़ाए टारगेट

भारत ने साफ कर दिया की पहलगाम आतंकी हमले को लेकर UNSC के प्रस्ताव से टीआरएफ का नाम हटवाना दिखाता है कि हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ था. ऐसा तब हुआ जब खुद टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. इसके अलावा पहले भी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ भारत की ओर से डोजियर दिए जा चुके हैं. लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी उन संगठनों पर कोई एक्शन नहीं लिया बल्कि उल्टा भारत पर ही आरोप लगाए हैं.

भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें सरकार का संरक्षण हासिल है. पाकिस्तान उनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर उन्हें आतंकी तक नहीं मानता है. विदेश सचिव ने बताया कि पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह बन चुका है और वहां आतंकी सजा पाने से बच जाते हैं. उन्होंने साजिद मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद यह खुलासा हुआ कि वह जिंदा है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा उजागर हो चुका है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement