आंध्र प्रदेश की सत्ता संभालने के एक महीने बाद टीडीपी प्रमुख और सीएम चंद्रबाबू नायडू तीन कामों पर अपना ध्यान बढ़ा रहे हैं, जिसमें केंद्र सरकार से विशेष पैकेज प्राप्त करना, आंध्र में निवेश लाना और निवेशकों को आश्वासन देना कि पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी नियंत्रित में हैं.
सीबीएन के करीबी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि मुख्यमंत्री का मानना है कि आंध्र प्रदेश के पुनर्निर्माण के लिए तीन मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं. टीडीपी का दावा है कि इन मुद्दों को पहले की वाईएसआरसीपी सरकार के शासन ने खत्म कर दिया.
निवेशों में बढ़ेगा विश्वास
आंध्र प्रदेश के पुननिर्माण का रोड मैप अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने और पोलावरम जल प्रोजेक्ट को फिक्सिंग करने सहित विकास प्रोजेक्ट में तेजी से आगे बढ़ाने से शुरू होगा है. सूत्रों ने कहा कि टीडीपी सरकार अमरावती में रिंग रोड और सरकारी प्रतिष्ठान भवनों सहित सड़क बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर ध्यान दे रही है. इससे प्रदेश की राजधानी में निवेश बढ़ेगा और इससे निवेश करने वाले लोगों में विश्वास भी बढ़ेगा.
गौरतलब है कि टीडीपी अब आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांग रही है, बल्कि उसका फोकस राज्य को विशेष वित्तीय पैकेज दिलाने पर है. वह विकास प्रोजेक्टों को तेजी से गति देने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं. अब यह देखना होगा कि क्या वह विशेष पैकेज केंद्रीय बजट का हिस्सा होगा या उसे बजट के बाहर दिया जाएगा.
BJP के लिए सच्ची साझेदार बनना चाहती है TDP
वहीं, पिछले दो दिनों में आंध्र के सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, पीयूष गोयल और शिवराज सिंह चौहान सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी. जिससे साफ संदेश मिल रहा है कि टीडीपी केंद्र में बीजेपी के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में बने रहना चाहती है और उसके बदले में विकास प्रोजेक्ट के लिए जरूरी चीजों को हासिल करना चाहती है.
सूत्रों का यह भी कहना है कि टीडीपी ने कभी-भी केंद्र सरकार में कोई पोर्टफोलियों नहीं मांगा और वह न तो लोकसभा उपाध्यक्ष पद के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन बीजेपी ने उन्हें दो अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी है.
सूत्रों ने दावा किया कि केंद्र सरकार की मदद से सीएम नायडू अमरावती का वैसा ही विकास करना चाहते हैं जैसा उन्होंने दशकों पहले हैदराबाद का किया था. पहले वह ‘थिंक ग्लोबल, एक्ट इंडियन’ के बारे में बात करते थे. अब वह थिंक ग्लोबली, एक्ट ग्लोबली का विचार प्रस्तावित कर रहे हैं. इसलिए अनिवार्य रूप से ध्यान राज्य में वैश्विक निवेश लाने पर है.
'निवेशकों को है शैतान की वापसी का डर'
टीडीपी के अनुसार, निवेशकों को जो बात परेशान कर रही है, वह है "शैतान की वापसी की संभावना". आंध्र के सीएम के करीबियों ने कहा कि उन्हें पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के लिए शैतान शब्द का इस्तेमाल करते हुए सुना गया था.
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि हमारे राज्य में एक शैतान (पूर्व सीएम जगन रेड्डी) है. अगर वह सत्ता में लौटे तो पिछली बार की तरह सब कुछ खत्म कर सकते हैं.' निवेशक इस बारे में चिंतित हैं. उन्होंने आगे कहा, "सीबीएन आश्वासन देता रहा है कि इस बार शैतान को नियंत्रण में रखा जाएगा."
शुरू करेंगे अभियान
सूत्रों ने कहा कि आने वाले महीनों में टीडीपी के नेतृत्व वाला एनडीए पहले की वाईआरएससीपी सरकार के भ्रष्टाचारों और घोटालों को उजागर करने के लिए अभियान शुरू कर सकती है. ऐसे पांच घोटालों की जांच की जानी है, जिसमें एक्साइज जैसे विभागों में नीतिगत बदलाव भी शामिल हैं. आने वाले महीनों में टीडीपी वाईएसआरसीपी सरकार के श्वेत पत्र सार्वजनिक कर सकती है. पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी को "बेनकाब" करने के लिए अभियान शुरू कर सकती है.
'आंध्र के लोगों को करना होगा फैसला'
सूत्रों ने कहा कि टीडीपी प्रमुख की राय है कि "आंध्र के लोगों को फैसला करना होगा कि वाईएसआरसीपी नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए".
उल्लेखनीय है कि टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कौशल विकास गणना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इससे राज्य सरकार को राज्य की मानव पूंजी और निवेशकों को उपलब्ध प्रतिभा पूल का अंदाजा होगा. हालांकि, आंध्र के सीएम के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह निजी क्षेत्र में किसी भी स्थानीय आरक्षण नीति को लागू करने के विचार के खिलाफ हैं. क्योंकि इससे निवेशक हतोत्साहित होंगे. इस बीच दोनों तेलुगु राज्यों के बीच लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सीबीएन के कल तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से मिलने की उम्मीद है.
अमित भारद्वाज