टेलर ने बिगाड़ी थी कुर्ता-पायजामा की 'फिटिंग', अब करना पड़ेगा ब्याज सहित भुगतान

कुर्ता-पजामा ठीक से नहीं सिलने वाले टेलर को अब ब्याज सहित ग्राहक को भुगतान करना होगा. उपभोक्ता आयोग ने यह आदेश दिया है. टेलर की लापरवाही को लेकर साल 2018 में बुलंदशहर के एक व्यक्ति ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. अब कोर्ट ने पीड़ित ग्राहक के हक में फैसला सुनाया है.

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(सांकेतिक तस्वीर) (सांकेतिक तस्वीर)

मुकुल शर्मा

  • बुलंदशहर,
  • 06 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST

टेलर से सिलवाए कुर्ता-पजामा की फिटिंग सही नहीं आने पर एक ग्राहक उपभोक्ता न्यायालय पहुंच गया था. कोर्ट ने इस मामले में टेलर को नोटिस जारी करते हुए ग्राहक को ब्याज भुगतान करने का आदेश सुनाया है. यह मामला बुलंदशहर का है.

शहर की डीएम कॉलोनी निवासी एमपी सिंह ने 15 मई 2018 को जिला उपभोक्ता न्यायालय में अपक्षा पक्ष दायर किया था. बताया गया कि उन्होंने कुर्ता पजामा नगर के सिल्को टेलर एंड फैब्रिक्स के प्रोपराइटर अबरार अहमद अंसारी की फर्म पर कुर्ता पजामा सिलने को दिए थे.

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कुर्ता-पजामा की सिलाई के लिए 750 रुपये का नकद भुगतान टेलर को किया था और बदले में रसीद ली थी. तय दिन 13 मई को टेलर के यहां अपने कपड़े लेने पहुंचे. टेलर के दिए कुर्ता-पजामा को जब घर पहना को वह बेतरतीब तरीके से सिला हुआ निकला. 

जिसके बाद एमपी सिंह फिर टेलर के पास गए और कुर्ता-पजामा की सही फिटिंग करने की बात कही. टेलर ने एमपी सिंह को विश्वास दिलाते हुए सही फिटिंग करने का वादा किया. लेकिन दोबारा टेलर ने बेतरतीब सिले हुए कुर्ते पजामे ही वापस कर दिए और न तो कपड़े की कीमत दी और न ही सिलाई की कीमत वापसी की.

परेशान होकर पहुंचे उपभोक्ता आयोग

टेलर की लापरवाही पर ग्राहक एमपी सिंह ने जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली. कपड़ा खरीदी और टेलर की दी रसीद आयोग में पेश की. ग्राहक एमपी सिंह ने आयोग से कहा कि कुर्ते पजामे इस प्रकार सिले गए थे कि वह पहनने लायक नहीं थे.

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इस पर आयोग के अध्यक्ष सीपी सिंह, आयोग के सदस्य मोहित कुमार त्यागीर और महिला सदस्य नीलम कुमारी ने एमपी सिंह के पक्ष को सुनते हुए विपक्षी टेलर को नोटिस जारी किया. लेकिन टेलर ने आयोग का नोटिस लेने से मना कर दिया. 

बाद में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने एकपक्षीय निर्णय सुनाते हुए सिलाई की कीमत 750 रुपये, कपड़ों की कीमत 1500 रुपए वाद दायर करने की तारीख 15 मई 2018 से टेलर को 6% ब्याज के साथ भुगतान करने के आदेश किए. 

इसके अलावा पीड़ित पक्ष को निर्धारित अवधि के अंदर मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 रुपये और वाद व्यय की राशि 5000 रुपये अदा करने का आदेश आरोपी पक्ष को दिया.

 

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