जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए इंदौर के सुशील नथानियल का पार्थिव शरीर बुधवार रात उनके वीणा नगर स्थित घर पहुंचा. सैकड़ों लोग रात में ही उनकी पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए जमा हो गए. गुरुवार सुबह जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. सुशील के रिश्तेदार, दोस्त, सहकर्मी, और मोहल्ले के सैकड़ों लोग उनके घर के बाहर एकत्र हुए, जो उनके मिलनसार स्वभाव को याद कर शोक व्यक्त कर रहे हैं.
सुशील के भाई संजय कुमरावत ने aajtak से खास बातचीत में भावुक होकर हमले के भयावह पलों का जिक्र करते हुए बताया, हमले के बाद भाभी जेनिफर ने फोन पर बताया कि आतंकियों ने सुशील को घुटने टेकने और कलमा पढ़ने को मजबूर किया. सुशील ने उनके इरादे भांपकर पहले पत्नी जेनिफर और बच्चों को छिपा दिया. जब सुशील ने कहा कि वह ईसाई हैं और कलमा नहीं पढ़ सकते, तो आतंकियों ने उनकी कनपटी पर बंदूक रखकर गोली मार दी.'' संजय ने कहा, “सुशील ने शादी की कसम निभाते हुए अपनी जान देकर पत्नी और बच्चों की रक्षा की.”
संजय ने बताया कि सुशील पहले इजराइल में छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे थे, लेकिन वहां युद्ध जैसी स्थिति के कारण कश्मीर का रुख किया. सुशील ने कहा था कि मोदी जी ने धारा 370 हटा दी है, अब कश्मीर सुरक्षित है. वह हमें सरप्राइज देना चाहते थे, लेकिन अपनी मौत का सरप्राइज दे गए.
मृतक के भाई ने यह भी खुलासा किया कि आतंकियों ने दो अन्य लोगों की पैंट उतारकर खतना की जांच की और उन्हें भी गोली मार दी.
वहीं, हमले में सुशील की बेटी आकांक्षा (35) के पैर में गोली लगी और वह श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाज के बाद इंदौर आ गई है. उनकी पत्नी जेनिफर (54) और बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) सुरक्षित हैं, लेकिन गहरे सदमे में हैं.
संजय ने बताया, भाभी जेनिफर और बच्चे अपने पति और पिता को आंखों के सामने मरते देखकर चुप हो गए हैं. जेनिफर बार-बार बेहोश हो रही हैं.
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बता दें कि सुशील नथानियल अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के रीजनल मैनेजर थे. जेनिफर इंदौर के खातीपुरा में सरकारी स्कूल में टीचर हैं और आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में मैनेजर हैं. परिवार मूल रूप से जोबट (अलीराजपुर) का है, लेकिन 30 साल पहले इंदौर शिफ्ट हो गया था.
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने परिवार से मुलाकात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव परिवार की स्थिति की लगातार जानकारी ले रहे हैं. सुशील का शव श्रीनगर से इंदौर लाया गया है और आकांक्षा का इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है.
रवीश पाल सिंह