बाढ़ से आफत, हुगली का आरामबाग इलाका पानी-पानी, आज सीएम ममता कर सकती हैं दौरा

पिछले चार दिनों से यहां भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ और राज्य सरकार की ओर से रेस्क्यू का काम चल रहा है. ज्यादातर लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपना घर छोड़ कर आना नहीं चाहते. 

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साल दर साल मॉनसून यहां त्रासदी बनकर आता है साल दर साल मॉनसून यहां त्रासदी बनकर आता है

अनुपम मिश्रा

  • हुगली,
  • 04 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:28 AM IST
  • राहत और रेस्क्यू का काम चल रहा है
  • बहुत से लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं

साल दर साल मॉनसून यहां त्रासदी बनकर आता है और बड़ी बर्बादी होती है. हुगली के आरामबाग इलाके में इस वक्त भयानक मंजर है जहां चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी है. खेत, मकान, बाजार, दुकान से लेकर गांव के गांव पानी के नीचे हैं और लोग घरों की छतों पर या ऊंची सड़क पर. वहीं, बुधवार ममता बनर्जी इन इलाकों का दौरा करने आ सकती हैं. 

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पिछले चार दिनों से यहां भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ और राज्य सरकार की ओर से रेस्क्यू का काम चल रहा है. ज्यादातर लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपना घर छोड़ कर आना नहीं चाहते. 

कुछ ऐसा ही हाल आरामबाग के खानाकुल ब्लॉक-2 के गणेशपुर गांव का है. यह गांव इस वक्त चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. न ही यहां तक पहुंचने का और ना ही निकलने का कोई रास्ता बचा है.

लोगों में भारी रोष

ऐसे में एनडीआरएफ की बोट और सरकार की राहत सामग्री ही इनका एकमात्र आसरा है. पिछले चार दिनों से यहां लोग बेहाल हैं, ना ही ठीक से खाना मिला है और ना ही पीना का पानी है. लोगों का कहना है कि अभी तक यहां प्रशासन का कोई आदमी या राहत नहीं पहुंची है. लोगों में रोष भी है.

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दरअसल, आरामबाग का खानाकूल ब्लॉक-1 और 2 तीन नदियों का बेसिन है. दामोदर नदी, रूपनारायण नदी और मुंडेश्वरी नदी यहां आकर मिलती हैं. ऐसे में मॉनसून के समय जब डीवीसी की ओर से पानी छोड़ा जाता है तो यहां तबाही लेकर आता है.

समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं
 
अब तक हुगली जिले में लगभग 345 गांव और 78327 लोग बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. 34347 हेक्टेयर फसल नष्ट हो चुकी है. 40 मकान पूरी तरह टूट कर बर्बाद हो गए हैं और 1100 मकान आंशिक रूप से क्षत्रिग्रस्त हो चुके हैं. बुधवारको ममता बनर्जी इन इलाकों का दौरा करने आ सकती हैं, लेकिन इन लोगों की समस्या का कोई स्थाई समाधान अभी तक दिखाई नहीं दे रहा.

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