हैदराबाद में बाबरी मस्जिद की याद में एक मेमोरियल बनाए जाने की घोषणा ने देश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक संरचना बनाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद अब हैदराबाद के एक मुस्लिम संगठन ने ग्रेटर हैदराबाद क्षेत्र में ऐसा ही स्मारक और कुछ वेलफेयर सुविधाएं विकसित करने की बात कही है. इस घोषणा के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और माहौल में स्पष्ट रूप से तनाव महसूस किया जा रहा है.
बीजेपी ने इस प्रस्ताव को "उत्तेजक" और "कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक" बताया है. पार्टी के प्रवक्ता एनवी सुभाष ने कहा कि बाबरी मस्जिद मुद्दा अब कानूनी रूप से सुलझ चुका है, फिर भी ऐसी घोषणाएं केवल समाज में तनाव बढ़ाने के लिए की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि "ऐसे बयान सद्भाव को तोड़ने की कोशिश हैं और इनसे राज्य की शांति प्रभावित हो सकती है."
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तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष एन रामचंदर राव ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हैदराबाद में इस प्रकार का स्मारक किसी भी हाल में बनने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि "एक भी ईंट रखने की कोशिश हुई तो बीजेपी इसका पुरजोर विरोध करेगी."
साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश!
विश्व हिंदू रक्षा परिषद की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष यमुना पाठक ने इस पहल को "विवाद पैदा करने की सोची-समझी कोशिश" बताया. उनके अनुसार, जब अदालत का फैसला आ चुका है और मामला समाप्त हो चुका है, तो पुरानी घटनाओं को फिर से उछालना केवल साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने का तरीका है. उन्होंने कहा कि "सच्चे धार्मिक नेता जख्म भरते हैं, न कि उन्हें कुरेदते हैं."
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बीजेपी नेता ने राहुल गांधी पर लगाए आरोप
बीजेपी नेता बूरा नरसैया गौड़ ने इसे "आक्रांता बाबर की विरासत को बढ़ावा देने की कोशिश" बताया और आरोप लगाया कि इस विचार के पीछे राजनीतिक मंशा है. उन्होंने यहां तक कहा कि यह "राहुल गांधी की सोची-समझी रणनीति हो सकती है."
फिलहाल, मुस्लिम संगठन की ओर से विस्तृत योजना या स्थान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन राजनीतिक विरोध और बढ़ते विवाद के चलते मामला और गर्म होने की संभावना है.
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