'15 मसौदे, 200 घंटे की वार्ता, 300 बैठकें...', ऐसे तैयार हुआ G20 का घोषणापत्र, थरूर भी हुए मुरीद

भारत की अध्यक्षता वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही साझा घोषणापत्र पर आम सहमति तैयार हो गई. बैठक की खास बात यह रही कि संयुक्त घोषणापत्र तैयार करने में भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर रूस,चीन और अमेरिका तीनों को मना लिया.

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अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ में जी 20 शेरपा अमिताभ कांत (फोटो- X) अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ में जी 20 शेरपा अमिताभ कांत (फोटो- X)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

राजधानी दिल्ली में आयोजित जी 20 की बैठक की चर्चा हर तरफ हो रही है. इस ऐतिहासिक शिखर सम्मलेन की खास बात यह रही कि इसमें सभी देशों की सहमति के बाद पहले ही दिन वह घोषणापत्र जारी हो गया, जिसके बारे में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. दरअसल किसी भी सम्मेलन को तभी सफल माना जाता है जबकि उसका एक घोषणा पत्र जारी हो और इस जी20 घोषणापत्र की खास बात ये रही कि इस पर 100 प्रतिशत सहमति बनी. घोषणापत्र पर ना तो रूस यूक्रेन विवाद का साया पड़ा और ना ही चीन की पैंतरेबाजी काम आई.

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‘नयी दिल्ली घोषणापत्र ’ पर सबकी सहमति बनाने में पर्दे के पीछे काफी मेहनत की गई. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि कैसे इस घोषणापत्र को तैयार किया गया.

200 घंटे की बातचीत

जी20 में चर्चा से लेकर व्यवस्थाओं तक का जिम्मा अमिताभ कांत के पास था और कुशल नेतृत्व के कारण उन्हें न केवल प्रधानमंत्री बल्कि विपक्ष के सदस्यों से भी प्रशंसा मिली.अमिताभ कांत ने बताया कि शिखर सम्मेलन में अपनाए गए जी20 घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की एक टीम को 200 घंटे से अधिक की लगातार बातचीत करनी पड़ी. कांत ने कहा, 'संपूर्ण जी20 का सबसे जटिल हिस्सा भू-राजनीतिक पैरा (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था. यह 200 घंटे की नॉन-स्टॉप वार्ता, 300 द्विपक्षीय बैठकें, 15 मसौदों के बाद तैयार किया गया था.'

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इन राजनयिकों ने निभाई अहम भूमिका

संयुक्त सचिव ईनम गंभीर और के नागराज नायडू सहित राजनयिकों की टीम ने 300 द्विपक्षीय बैठकें कीं और विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों के साथ 15 मसौदे वितरित किए, ताकि जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही सहमति बन सके. कांत ने बताया कि नायडू और गंभीर के प्रयासों से उन्हें काफी मदद मिली. भारत रूस- यूक्रेन के विवादास्पद मुद्दे पर जी20 देशों के बीच एक अप्रत्याशित सहमति बनाने में कामयाब रहा, जिसमें ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने सफलता तक पहुंचने में अग्रणी भूमिका निभाई.

जी20 नेताओं की घोषणा में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का उल्लेख करने से परहेज किया गया और सभी राज्यों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का सामान्य आह्वान किया गया. घोषणापत्र में कहा गया, 'हम सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करते हैं.'

कांग्रेस ने की तारीफ

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी मौजूदा वैश्विक हालातों के बीच जी20 नेताओं की संयुक्त विज्ञप्ति पर आम सहमति बनाने के लिए जी20 शेरपा अमिताभ कांत की तारीफ की. केरल से लोकसभा सांसद ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर कहा कि यह जी20 में भारत के लिए एक "गर्व का क्षण" है. थरूने कहा, "बहुत शानदार अमिताभ कांत! ऐसा लगता है कि जब आपने आईएएस का विकल्प चुना तो आईएफएस ने एक उत्कृष्ट राजनयिक खो दिया. ..G20 में भारत के लिए गर्व का क्षण!'

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जी 20 के शेरपा हैं अमिताभ कांत

केरल कैडर के 1980-बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत पूर्व में नीति आयोग के प्रमुख भी रह चुके हैं. कांत ने कहा कि जी20 घोषणापत्र सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 प्रतिशत आम सहमति के साथ ‘ऐतिहासिक’ और ‘अभूतपूर्व’ है. उन्होंने कहा, 'नए भू-राजनीतिक पैराग्राफ आज की दुनिया में ग्रह, लोगों, शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आह्वान हैं.'उन्होंने कहा कि जी20 घोषणापत्र को अंतिम रूप दिये जाने से आज की दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व प्रदर्शित हुआ है.

पीएम मोदी ने भी की तारीफ

घोषणापत्र को लेकर पीएम मोदी ने भी अपने अधिकारियों की तारीफ की. उन्होंने कहा, 'हमारी टीम्स के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से New Delhi G20 Leaders’ Summit Declaration पर सहमति बनी है.  मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा , और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनन्दन करता हूँ जिन्होंने अतः परिश्रम कर के इसे सार्थक किया है और इसलिए भी ये सभी अभिनन्दन के अधिकारी हैं.'

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