पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहता है अमेरिका का अरबपति जॉर्ज सोरोस?

अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बयान के बाद भारत में खलबली मची हुई है. जॉर्ज सोरोस ने कहा है कि उद्योगपति अडानी के साम्राज्य में मचे उथल-पुथल के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी संसद को जवाब देना होगा और इससे भारत में लोकतांत्रिक परिवर्तन का रास्ता खुलेगा. सोरोस के इस बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला किया है और कहा है कि एक विदेशी व्यक्ति भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में दखल देने की नापाक कोशिश कर रहा है.

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अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और पीएम मोदी (फाइल फोटो) अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान पर बवाल मच गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी जॉर्ज सोरोस के निशाने पर हैं. कांग्रेस ने भी सोरोस की निंदा की है और कहा है कि भारत में लोकतांत्रिक बदलाव का रास्ता चुनावी प्रक्रिया है. सोरोस जैसे लोग हमारे चुनावी नतीजे नहीं तय कर सकते हैं.

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 दरअसल, जॉर्ज सोरोस ने अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा. सोरोस ने दावा किया है कि अडानी के मुद्दे पर भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब सोरोस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इससे पहले 2020 में जॉर्ज ने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है.

सोरोस म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि भारत का मामला दिलचस्प है. भारत लोकतांत्रिक देश है लेकिन नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं. मोदी के तेजी से बड़ा नेता बनने के पीछे अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है. सोरोस ने कहा, भारत क्वाड का मेंबर है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान भी उसके साथ है. लेकिन भारत इसके बावजूद रूस से बड़े डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है और मुनाफा कमा रहा. 

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अडानी और मोदी के मुद्दे पर कही ये बात?

जॉर्ज ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों के बाद गौतम अडानी के साम्राज्य में उथल पुथल मची हुई है. इसकी वजह से निवेशकों का विश्वास हिल गया है. मोदी और अडानी एक दूसरे के सहयोगी हैं. अडानी ने स्टॉक मार्केट से फंड रेज करने की कोशिश की जिसमें वो फेल हो गए. उन पर स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप हैं. मोदी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन विदेशी निवेशकों और संसद में उठ रहे सवालों का जवाब देना होगा. 

जॉर्ज सोरोस ने कहा, यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के दरवाजा खोल देगा. उन्होंने कहा था, मुझे उम्मीद है कि भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा. 

सोरोस इससे पहले 2020 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भी भारत और पीएम मोदी को लेकर इस तरह बयान दे चुके हैं. तब उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का भी खुलकर विरोध किया था. 

स्मृति ईरानी ने किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है. स्मृति ईरानी ने कहा कि विदेशी धरती से भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है. जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश की है और पीएम मोदी उनके निशाने पर हैं.  

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उन्होंने जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिया, एक व्यक्ति जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने ऐलान किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी को अपने वार का मुख्य बिंदु बनाएंगे. स्मृति ईरानी ने कहा कि सोरोस ने ऐलान किया है कि वो हिंदुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जो हिंदुस्तान नहीं बल्कि उनके हितों का संरक्षण करेगी. 

एक अरब डॉलर की फंडिंग की घोषणा

स्मृति ईरानी ने कहा कि, "जॉर्ज सोरोस एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी नापाक योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनकी जरूरतों के अनुसार काम करे. उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने विशेष रूप से पीएम मोदी जैसे नेताओं को टारगेट करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग की घोषणा की है."
  
एक सुर में जवाब देने का वक्त

स्मृति ईरानी ने कहा, आज जॉर्ज सोरोस को हम एकसुर में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे. हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है, आगे भी हराएंगे. स्मृति ईरानी ने कहा कि आज एक नागरिक के नाते वे हर व्यक्ति, संस्था और समाज से अपील कर रही हैं कि अपने निजी लाभ के लिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कमजोर करने की मंशा रखने वाले इस व्यक्ति की निंदा करें. 

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कांग्रेस ने भी दिखाया आईना 

उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई है. उन्होंने कहा, PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है. इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते. 

कौन हैं जॉर्ज सोरोस?

जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था. वे खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी बताते हैं. हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है. सोरोस ने 2020 में नरेंद्र मोदी, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम दुनिया के तानाशाह के तौर पर बताया था. 

ट्रम्प को ठग तो बुश को हटाना बताया था मकसद

11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था, जॉर्ज डब्ल्यू बुश को राष्ट्रपति पद से हटाना उनके जीवन का सबसे बड़ा मकसद है और ये उनके लिए 'जीवन और मौत का सवाल' है. सोरोस ने कहा था कि अगर कोई उन्हें सत्ता से बेदखल करने की गारंटी लेता है, तो वो उस पर अपनी पूरी संपत्ति लुटा देंगे.

2017 में सोरोस ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 'ठग' बताया था. सोरोस ने कहा था कि उनका मानना है कि ट्रम्प ट्रेड वॉर शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं और उम्मीद करते थे कि फाइनेंशियल मार्केट खराब परफॉर्म करेंगे.

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