गुजरात में पिछले हफ्ते हुए गंभीरा ब्रिज हादसे में 20 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने सड़कों और पुलों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए हैं. हादसे के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने विभाग और सभी अधिकारियों को गुजरात की सड़कों और पुलों की स्थिति की जांच के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए विभिन्न मार्गों और पुलों की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर जारी है.
नागरिकों की सुरक्षा को महत्व देते हुए सरकार ने नर्मदा नहर नेटवर्क पर स्थित 2,110 पुलों का तकनीकी निरीक्षण कराया, उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
69,000KM में फैला हुआ है नर्मदा नहर नेटवर्क
सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में नर्मदा नहर का नेटवर्क लगभग 69,000 किलोमीटर फैला हुआ है जो 17.92 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र को कवर करता है.
इस नहर नेटवर्क पर लगभग 2110 छोटे-बड़े पुल हैं जो राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों को जोड़ते हैं. इन पुलों की वर्तमान स्थिति का आकलन करने, संभावित क्षति को रोकने और पुलों की लाइफ बढ़ाने के लिए सरदार सरोवर नर्मदा निगम द्वारा एक व्यापक दृश्य निरीक्षण अभियान चलाया गया.
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जांच में ट्रैफिक के लिए खतरनाक पाए गए 5 पुल
इस निरीक्षण अभियान के निष्कर्षों के आधार पर यातायात के लिए खतरनाक पाए गए कुल 5 पुलों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसके अलावा 4 अन्य पुलों पर उनकी वाहन और भार क्षमता के आधार पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है.
साथ ही 36 ऐसे पुलों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें मरम्मत की जरूरत है. इन पुलों को बंद कर तत्काल मरम्मत का काम शुरू करने के लिए संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं. जबकि शेष 2065 पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों को आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं.
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प्रशासन द्वारा पूरी तरह बंद किए गए 5 पुल
इन पुलों पर भारी वाहनों के जाने पर प्रतिबंध
ब्रिजेश दोशी