गुजरात के साबरकांठा जिले में सोमवार को उस समय तनाव फैल गया, जब दूध खरीद मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पशुपालकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. हिम्मतनगर के पास स्थित साबर डेयरी के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन ने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया. इस दौरान हुए पथराव में तीन पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट लगी है. पुलिस ने मौके से 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.
पुलिस अधीक्षक विजय पटेल ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 11 बजे बड़ी संख्या में पशुपालक साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (इसे साबर डेयरी के नाम से भी जाना जाता है) के बाहर एकत्र हुए थे. उनका आरोप था कि डेयरी प्रबंधन दूध खरीद दरों में केवल 9 से 10 प्रतिशत की मामूली वृद्धि कर रहा है. उनका कहना था कि वर्तमान लागतों और महंगाई को देखते हुए यह बढ़ोतरी बहुत प्रतीत होती है.
प्रदर्शनकारी साबर डेयरी के मुख्य गेट के भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बीच में पुलिस आ गई. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने उग्रता दिखाते हुए पथराव शुरू कर दिया. इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. इतना ही नहीं कुछ पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. हालात को बेकाबू होता देख पुलिस को लगभग 50 आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जिससे भीड़ को तितर-बितर किया जा सका.
एसपी ने बताया कि हिंसा के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस ने 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इस पूरे घटनाक्रम में बयाड विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक धवलसिंह जाला भी प्रदर्शनकारी पशुपालकों के समर्थन में मौके पर पहुंचे थे. लेकिन जैसे ही प्रदर्शन हिंसक हुआ, वे वहां से चले गए.
इसके बाद में उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए पशुपालकों की मांगों को जायज ठहराया. उन्होंने कहा, ''डेयरी प्रबंधन ने इस साल केवल 9 से 10 प्रतिशत मूल्य वृद्धि की है, जबकि पशुपालक 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की मांग कर रहे हैं. वे डेयरी के असली मालिक हैं. निदेशक मंडल को उनके साथ सार्थक बातचीत करनी चाहिए. मैं मांग करता हूँ कि प्रदर्शनकारियों पर की गई पुलिस कार्रवाई की निष्पक्ष जांच हो.''
बताते चलें कि साबर डेयरी उत्तर गुजरात की सबसे प्रमुख दुग्ध संघों में से एक मानी जाती है. इससे हजारों पशुपालक जुड़े हुए हैं. ऐसे में इस आंदोलन का असर सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राज्यभर में दुग्ध मूल्य नीति पर व्यापक बहस को जन्म दे सकता है. फिलहाल हिम्मतनगर में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है. पुलिस हर संभावित प्रतिक्रिया को ध्यान में रख रही है.
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