AajTak Exclusive: दिल्ली में 'सुप्रीम आदेश' के खिलाफ दौड़ रहे ट्रक, ऐसे फैलाया जा रहा हवा में जहर!

एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमणा की स्पेशल बेंच ने हर कीमत पर दिल्ली और एनसीआर के इलाके में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है. ज़द्दोजहद है कि किसी तरह से हवा की गुणवत्ता को सुधार लिया जाएगा वहीं दूसरी तरफ रात के अंधेरे में देश की राजधानी में खनन का काम जोरों पर है.

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काली रात में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना काली रात में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST
  • आजतक ने की खास पड़ताल
  • दिल्ली में उड़ती दिखी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां

काली रात में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना... चाहे वो दिल्ली की विधानसभा हो या फिर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट का दफ्तर. रात को दिल्ली की हवा को ज़हरीला बनाया जाता है. ऐसे में आजतक ने दिल्ली की दमघोटू हवा के खलनायकों का पर्दाफाश करने की ठान ली. एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एन वी रमणा की स्पेशल बेंच ने हर कीमत पर दिल्ली और एनसीआर के इलाके निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है. ज़द्दोजहद है कि किसी तरह से हवा की गुणवत्ता को सुधार लिया जाएगा वहीं दूसरी तरफ रात के अंधेरे में देश की राजधानी में खनन का काम जोरों पर है. मेट्रो का काम चोरी छिपे हो रहा है. आरोप है कि ट्रांसपोर्ट विभाग, पुलिस पैसा लेकर डीज़ल के ट्रकों की एंट्री दिल्ली में करवा रही है. इस गफलत में कि कोई उन्हें नहीं देख रहा.  

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दिल्ली का नेताजी नगर 

गुरुवार की सुबह, आजतक की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने दिल्ली के नेताजी नगर में MINISTRY OF HOUSING AND URBAN AFFARIS की एक साइट का निरीक्षण किया. यह काम एनबीसीसी इंडिया को दिया है. जहां पर GRPA COLONY का पुर्ननिर्माण हो रहा है और निर्माण का काम NKG इन्फ्रास्ट्रक्चर की देख रेख में हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक यहां दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में किसी भी तरह का निर्माण का काम नहीं चल सकता. आजतक के कैमरे में कैद तस्वीरें बताती हैं कि रात के अंधेरे में देश की राजधानी में खनन का काम तेजी से चल रहा है. डीज़ल के बड़े बड़े ट्रकों की कतार लगी हुई हैं.  40 फीट 50 फीट 60 फीट पर जेसीबी, ड्रीलर, जेनेरेटर से चलने वाली बड़ी मशीनों से खनन जारी है. जहां तक नज़र जाये वहां तक हेलोजन की रोशनी में खनन किया जा रहा है.

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ऐसे में सवाल ये था कि ये सब आखिर कैसे हो रहा है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए साईट इंचार्ज इंजीनियर भूषण चौहान से पूछा गया तो पहले तो उन्होंने ये बात मानने से इनकार कर दिया कि वहां कोई कंस्ट्रक्सन का काम चल रहा. 

रिपोर्टर- भाई साहब ये क्या चल रहा है? 

इंजीनियर- बंद है सब बंद है   

रिपोर्टर- और इधर भी... 

इंजीनियर- बंद है 

रिपोर्टर- आपके पास परमिशन है इसकी 

इंजीनियर- परमिशन पहले थी, कंस्ट्रक्शन बंद है हमारा 

रिपोर्टर- कंस्ट्रक्शन हो रहा है... खनन हो रहा है... डीज़ल के ट्रक हैं  

इंजीनियर- वीडियो रहने दीजिए, हमारे पास परमिशन थी 

लोहे की टिन शीट से बनी चार दीवारी का सच कैमरे में कैद हो चुका था. बार बार कैमरा बंद कर और पैसा लेकर मामला रफा दफा करने के लिए कहा जा रहा था. दिखावे के लिए एंटी स्मोक गन रखी हुई थी. साइट के बाहर निर्माण को लेकर तमाम दिशा निर्देश बोर्ड पर टंगे थे, लेकिन अगर कुछ नहीं था तो पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता. 

दिल्ली का वजीराबाद पुल 

दिल्ली के वजीराबाद पुल के पास की तस्वीर भी कुछ जुदा नहीं थी. बुधवार देर रात, आजतक की स्पेशल इन्वेटिगेंशन टीम ने एक आरएमसी ट्रक का दिल्ली की सड़कों पर पीछा किया. वो ट्रक वजीराबाद पुल के पास चल रहे मेट्रो के कंस्ट्रक्शन साइट पर आकर रुक गया. साइट पर बड़ी बड़ी मशीनों से खुदाई का काम चल रहा था. मेट्रो के पिलर को सीमेंट कंक्रीट से भरा जा रहा था. जिसके लिए वहां आरएमसी के ट्रकों से काला धुंआ निकल रहा था. बड़े ट्रक खड़े थे. जेनरेटर चल रहे थे. हमारी टीम को देख कर वहां सारा काम अचानक से बंद कर दिया गया. मजदूरों को हटा दिया गया. साइट इंजीनियर ने पहले तो बर्गलाने की कोशिश की फिर उसने माना कि वहां काम चल रहा है. इसी बात की तस्दीक वहां आरएमसी के ड्राईवर ने भी कि वो कई दिनों से आरएमसी के ट्रक को लेकर वहां आ रहा है. और आरएमसी के ट्रक मेट्रो की यार्ड से आ रहे हैं.  

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दिल्ली का नोएडा-कालिंदी कुंज बॉर्डर  

वक्त रात के बारह बजे के करीब ट्रकों की कतार लगी हुई थी. ये सारे ट्रक डीज़ल के थे और इनकी दिल्ली में एंट्री पर रोक है. नतीजतन नोएडा पुलिस ने इनको बॉर्डर पर रोक रखा था. आजतक ने ट्रक ड्राइवरों से बात की तो बताया कि दोनों तरफ की पुलिस, यानी नोएडा और दिल्ली, पैसा लेकर अभी छोड़ देगी और ऐसा ही हुआ भी. डीज़ल का एक बड़ा ट्रक जो नोएडा का बॉर्डर क्रॉस करके दिल्ली की सीमा पर घुसने की कोशिश कर रहा था उसे दिल्ली ट्रफिक पुलिस ने रोक दिया.

कुछ देर बाद ट्रक दिल्ली के सरिता विहार इलाके में खड़ा मिला. ड्राइवर ने बताया कि वो 500 रुपये रिश्वत देकर ट्रक को दिल्ली में लाया है. उसने बताया कि वो अब तुगलगाबाद जा रहा है और रोज आता है. आजतक ने जब दिल्ली पुलिस के मुस्तैद सिपाहियों से पूछा कि वो ट्रक कहां गया. तो रिश्वत के तले दबे सिपाही ने झूठ बोल दिया कि उसे नोएडा वापस भेज दिया. 

यहां दिल्ली पुलिस के साथ साथ दिल्ली परिवहन विभाग की प्रर्वतन टीम भी सड़कों पर अपनी जेब भर रही थी. आजतक ने एंफोर्समेंट टीम पर उनके काम को लेकर सवाल दागे तो वो दिल्ली की कालिंदी कुज सड़क पर चोरों की तरह भागने लगे.

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दिल्ली–फरीदाबाद बॉर्डर 

बुधवार सुबह के वक्त दिल्ली–फरीदाबाद बॉर्डर का हमने रुख किया. दिल्ली की हवा में डस्ट के पार्टिकल्स एक बड़ी समस्या है, लेकिन दिल्ली से सटे फरीदाबाद बॉर्डर पर खुले में रात को डस्ट बिक रहा था. हमारे सामने डस्ट के पहाड़ से डस्ट को भरकर दिल्ली के लिए रवाना किया जा रहा था. हमने करतार सिंह डस्ट के मैनेजर से डस्ट खरीदने की बात की तो उसने कहा डस्ट मिल जायेगा.

हमने उससे पूछा कि डस्ट दिल्ली में रात को ले जाने में कोई दिक्कत तो नहीं तो उसने बताया कि दिन में भी आराम से जा रहा है.  ये हाल दिल्ली में घुस रहे बिल्डिंग मैटेरियल ला रहे ट्रकों का भी था. जो ईंट, रोड़ा, रेता, बदरपुर, निर्माण की रोक के बाद भी लाया जा रहा था. आजतक की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने दो रातों में जो कैमरे में कैद किया वो अपने आप में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के आदेश-निर्देशों को धता बता रहे हैं. 

(इनपुट- मोहम्मद हिजबुल्लाह के साथ नितिन जैन)  


 

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