Aaj Ki Taza Khabar: पढ़ें 18 फरवरी 2022 की शाम की टॉप खबरें और अन्य समाचार

आज शाम की ताजा खबर ( Aaj Ki Taza Khabar), 18 फरवरी 2022 की खबरें और समाचार: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया है. उधर, एडीआर की रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट में पंजाब, उत्तराखंड और गोवा के नेताओं की संपत्ति के बारे में बताया गया है. वहीं 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में आज 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पढ़िए, गुरुवार शाम की 5 बड़ी खबरें...  

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घोषणापत्र जारी करते पंजाब कांग्रेस के नेता. घोषणापत्र जारी करते पंजाब कांग्रेस के नेता.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

आज शाम की ताजा खबर ( Aaj Ki Taza Khabar), 18 फरवरी 2022 की खबरें और समाचार: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया है. उधर, एडीआर की रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट में पंजाब, उत्तराखंड और गोवा के नेताओं की संपत्ति के बारे में बताया गया है. वहीं 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में आज 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पढ़िए, गुरुवार शाम की 5 बड़ी खबरें...

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Punjab: महिलाओं को हर महीने 1100 रुपये, 6 महीने में पक्का मकान, घोषणापत्र में कांग्रेस ने किए ये ऐलान

कांग्रेस (Congress) ने शुक्रवार को पंजाब के लिए अपना घोषणापत्र 2022 (manifesto) जारी कर दिया है. घोषणापत्र में कांग्रेस ने पंजाब की जनता से कई बड़े वादे किए हैं. इस घोषणापत्र में हर साल एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया गया है.


चुनावी मेनिफेस्टो में कांग्रेस का कहना है कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो सीएम के पहले दस्तखत एक लाख सरकारी नौकरियों के लिए ही होंगे. इसके अलावा वादा किया गया है कि कांग्रेस की सरकार शराब बिक्री, बालू खनन के लिए निगम बनाकर माफिया राज को खत्म करेगी. सरकारी एजेंसियों द्वारा तिलहन, दाल, मक्का की खरीद का वादा भी किया है. इसके अलावा कांग्रेस के घोषणापत्र में पंजाब की महिलाओं को प्रति माह 1,100 रुपये, प्रति वर्ष 8 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर फ्री देने का वादा भी किया गया है. 

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लड़ते रहे चुनाव, बढ़ती गई संपत्ति... जानिए पंजाब, उत्तराखंड और गोवा के नेताओं का हाल

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर जोर आजमाइश जारी है. इन राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक दल साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रचार में कितना भी पैसा खर्च हो जाए, इसकी ज्यादातर प्रत्याशियों को परवाह नहीं है. राजनीतिक दलों ने भी इस चुनाव को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया. इन चुनावों को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्र के मूड के तौर पर देखा जा रहा है. 

पिछले कुछ विधानसभा चुनावों के रुझानों का विश्लेषण करने पर सामने आया है कि राजनीति में पैसों का पहले से ज्यादा बोलबाला हो गया है. ये संकेत हैं कि भारत में चुनाव जीतने के लिए पैसे और बाहुबल दोनों की जरूरत होती है. 

UP Election 2022: यादवलैंड में अखिलेश के साथ आए मुलायम और शिवपाल, क्या हैं इसके सियासी मायने?

यूपी में इलेक्शल का दौर चरम पर है. ऐसे में जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं, वहां राजनीतिक पार्टियां भरसक प्रयास कर रही हैं. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने इटावा में चुनाव प्रचार किया. यहां रोड शो के दौरान मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव एक साथ प्रचार के लिए पहुंचे. गुरुवार को समाजवादी विजय रथ इटावा के सैफई पहुंचा था. इस दौरान प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी नजर आए. 

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के पहले यादव परिवार की एकजुटता लंबे समय बाद दिखाई दी. इसके राजनीतिक तौर पर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. यादवलैंड में तीनों नेताओं की मौजूदगी इस बात की गवाह है कि यूपी के चुनाव की लड़ाई समाजवादी पार्टी के लिए उसकी साख का सवाल बन गई है.  

Ahmedabad blast: दिल्ली से बम लगाने गए थे 12 आतंकी, जानिए सीरियल ब्लास्ट की पूरी कहानी

2008 के अहमदाबाद सीरियल धमाके पर फैसला आ गया है. विशेष अदालत ने 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि 11 को उम्र कैद दी गई. सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने 49 अभियुक्तों को दोषी माना था. अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को ये सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे और 70 मिनट के अंदर 56 लोगों की मौत हो गई थी. इन बम धमाकों में 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चला. पिछले सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया था और 28 अन्य को स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया था.  

CAA Protest: SC के फैसले को आधी जीत क्यों बता रहे हैं 65 लाख का नोटिस पाने वाले एक्टिविस्ट

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दरमियान योगी सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. मामला नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाने के नुकसान की भरपाई के लिए जारी किए गए नोटिस से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सरकार से सभी नोटिस को वापस लेने का फरमान जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नोटिस का सामना कर रहे लोगों में खुशी के साथ ही एक चिंता है. दरअसल, इस चिंता की वजह समझने से पहले पूरा मामला समझना होगा. 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाया था. इसका विरोध पूरे देश में हुआ. उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी प्रदर्शन हुआ था. 

 

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