भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का दर्द आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है. इस विभाजन के कारण लाखों लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए. पंजाब (पटियाला) के 98 वर्षीय पूरन सिंह भी इनमें शामिल हैं. ऐसे में जब 77 साल बाद पूरन सिंह पाकिस्तान में अपने पैतृक गांव पहुंचे तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. गांव वालों ने उनका जोरदार स्वागत किया और कहा- 'देखो गांव का लड़का आया है.' सोशल मीडिया पर पूरन सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है.
वीडियो को पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने अपने यूट्यूब चैनल (Punjabi Lehar TV) पर शेयर किया है. इसमें बुजुर्ग पूरन स्थानीय लोगों से मिलते-जुलते और बातचीत करते नजर आ रहे हैं. वीडियो के मुताबिक, पूरन सिंह पाकिस्तान के गुजरांवाला जिले के कोट देस राज (Kot Des Raj) इलाके स्थित अपने पुश्तैनी गांव पहुंचे थे.
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे पूरन सिंह के गांव में दाखिल होते हैं लोग माला पहनाकर उनका स्वागत करते हैं. कुछ लोग अपने घरों की छत से उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसा रहे हैं. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं. ढोल-नंगाड़े के साथ जुलूस निकाला गया. लोगों ने कहा- 'गांव का एक लड़का आज गांव देखने आया है.'
भले ही पूरन सिंह को पाकिस्तान छोड़े 7 दशक से अधिक हो चुके हैं, लेकिन उन्हें आज भी अपने बचपन के यार-दोस्तों के नाम याद हैं. नासिर ढिल्लन से बातचीत में वो खुद इस बात का जिक्र करते हैं. उन्होंने 21 साल की उम्र में पाकिस्तान स्थित अपने पैतृक गांव को छोड़ा था.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी अपने गांव और इसके आसपास के इलाकों का रास्ता याद है, तो उन्होंने कहा कि अब सड़कें बदल गई हैं. पूरन सिंह बताते हैं कि पहले वो हर जगह पैदल ही जाया करते थे क्योंकि उनके गांव से आस-पास के इलाकों के लिए सीधा रास्ता था. वो अपने दोस्तों के साथ खूब घूमते थे.
पूरन सिंह के साथ कुछ और लोग भी पाकिस्तान गए थे. उन्होंने नासिर ढिल्लन संग बातचीत में विस्तार से अपनी यादों को साझा किया. सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
जब रीना छिब्बर गई थीं पाकिस्तान
बीते साल 90 साल की भारतीय महिला रीना छिब्बर वर्मा भी 75 साल के इंतजार के बाद पाकिस्तान स्थित अपने पुश्तैनी घर गई थीं. रावलपिंडी के अपने पुश्तैनी घर पहुंचकर रीना ने अपनी पुरानी यादों को फिर से ताजा किया था. वर्तमान में रीना के इस पुश्तैनी घर 'प्रेम निवास' में उनके पुराने पड़ोसियों के पोते, पोतियां रहते हैं. इस घर को रिनोवेट किया गया है लेकिन दीवारों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. अब इस घर के बाहर लगी नेमप्लेट पर डॉक्टर मुमताज हुसैन का नाम लिखा हुआ है.
aajtak.in