महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी भाषा लागू करने के मुद्दे पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की संभावना है. भाजपा नेता ने कहा कि फरवरी 2022 में उद्धव ठाकरे ने स्वयं त्रिभाषा प्रस्ताव स्वीकार किया था. उन्होंने यह भी कहा कि मराठी ही महाराष्ट्र की प्रथम भाषा रहेगी और यह सब आगामी चुनावों के लिए लोगों को गुमराह करने का प्रयास है.