महाराष्ट्र में मराठी और गैर मराठी भाषा को लेकर विवाद में हिंदुत्व का मुद्दा जुड़ गया है. शिव सेना यु वीडी के पूर्व सांसद राजन बेचारी की मौजूदगी में एक मराठी ग्राहक द्वारा गैर मराठी दुकानदार को पीटने का वीडियो सामने आया. इससे पहले एम एन एस कार्यकर्ताओं ने भी गैर मराठी दुकानदार की पिटाई की थी. महाराष्ट्र के मंत्री नीतीश राणे ने इस मामले को नया मोड़ देते हुए सवाल उठाया कि मराठी बोलने के नाम पर हिंदुओं की पिटाई क्यों की जा रही है. राणे ने चुनौती दी कि अगर मराठी लागू करनी है तो मुसलमानों से मराठी बुलवाकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर और आमिर खान से मराठी क्यों नहीं बुलवाई जाती. वहीं, जब आदित्य ठाकरे से नीतीश राणे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने राणे को कचरा बताया. एक वक्ता ने कहा, "इतनी हिम्मत जाके नल बाजार और मोहम्मद अली रोड में दिखाओ ना वो जो दाढ़ी वाली और गोल्ड टोपी वाले क्या मराठी में बात करते हैं क्या?" कुछ वक्ताओं ने कहा कि सब अपने-अपने हिसाब से वोट की रोटी सेंक रहे हैं और कोई भी खुलकर मराठी भाषा की आड़ लेकर गुंडागर्दी करने वालों पर सीधी कार्रवाई की बात नहीं कर रहा है. भाषा को लेकर दिशा-निर्देशों पर बहस हो सकती है, लेकिन गुंडागर्दी बिल्कुल ठीक नहीं है. महाराष्ट्र में मराठी भाषा का अभिमान रखना गलत नहीं है, लेकिन भाषा के चलते अगर कोई गुंडागर्दी करेगा तो इसे सहन नहीं किया जाएगा. पुलिस ने इस प्रकार की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की है और आगे भी कानूनन कार्रवाई की जाएगी. मराठी का अभिमान है, लेकिन भारत की किसी भी भाषा के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता. कुछ लोगों ने इसे सिर्फ राजनीति बताया और कहा कि यह सिर्फ एक नया मुद्दा है.