शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि “भारी बहुमत” वाली महायुति सरकार होने के बावजूद फडणवीस “भ्रष्ट मंत्रियों” पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं.
ठाकरे ने फडणवीस से अपील की कि वह दबाव में न आएं और आरोपी मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करें. ठाकरे ने फडणवीस से इन मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कांग्रेस के "चोर मुख्यमंत्री" वाले तंज को दोहराया.
उन्होंने फडणवीस को दबाव में न आने और भ्रष्ट मंत्रियों का इस्तीफा मांगने की सलाह दी. ठाकरे की यह टिप्पणी एक तरह से फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कथित तौर पर चल रहे "शीत युद्ध" को और तेज करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
निशाने पर शिंदे गुट के मंत्री
उनका निशाना खासतौर पर एकनाथ शिंदे गुट के वे मंत्री थे जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. शिवसेना (UBT) का दावा है कि मौजूदा सरकार में महाराष्ट्र भ्रष्टाचार में ‘टॉप’ पर है, और शिंदे के कम से कम चार मंत्री संदिग्ध छवि के हैं.
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राज्य में सत्ता बंटवारे, फाइल पास होने में देरी और शिंदे के करीबी अधिकारियों को पद से हटाने जैसे विवादों ने पहले ही मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच शीत युद्ध (Cold War) की अटकलों को हवा दे रखी है. ठाकरे का यह हमला इन तनावों को और भड़काने वाला माना जा रहा है.
अपनी मांगों के समर्थन में शिवसेना (UBT) ने “महाराष्ट्र जनआक्रोश आंदोलन” शुरू किया. उद्धव ठाकरे, युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे और वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क, दादर (मुंबई) में यह प्रदर्शन हुआ, जहां से भ्रष्ट मंत्रियों को हटाने की आवाज बुलंद हुई.
धनखड़ के इस्तीफे पर भी उठाया सवाल
इसके अलावा ठाकरे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के “संदिग्ध इस्तीफे” पर भी सवाल उठाया. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार को चुनौती देने की योजना के चलते उन्हें मजबूरन पद छोड़ना पड़ा और तब से वह “गायब” हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि भारत चीन या रूस जैसे देशों की राह पर न बढ़े, जहां असहमति जताने वाले रहस्यमय तरीके से लापता हो जाते हैं.
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वहीं, सीएम फडणवीस ने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार “जनता का प्यार पा रही है, जिसे विपक्ष पचा नहीं पा रहा है. सड़कों पर जो है, वह जनआक्रोश नहीं, बल्कि मनआक्रोश है.”
ऋत्विक भालेकर