'ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं, महाराष्ट्र की पहचान...', उद्धव ठाकरे का चुनाव आयोग और BJP पर निशाना

यह बयान उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए गए इंटरव्यू के पहले भाग में दिया, जिसे शनिवार को प्रकाशित किया गया. इस इंटरव्यू में ठाकरे ने भाजपा, आरएसएस, चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कई तीखे तंज कसे.

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उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है (File Photo) उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘ठाकरे’ सिर्फ एक ब्रांड नहीं बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान है, जिसे कुछ लोग मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि कोई पार्टी का चुनाव चिह्न छीन सकता है, लेकिन ठाकरे परिवार के प्रति लोगों का प्यार और विश्वास नहीं छीना जा सकता.

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यह बयान उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए गए इंटरव्यू के पहले भाग में दिया, जिसे शनिवार को प्रकाशित किया गया. इस इंटरव्यू में ठाकरे ने भाजपा, आरएसएस, चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कई तीखे तंज कसे.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हमारी जड़ें मराठी मिट्टी में कई पीढ़ियों से गहराई तक जुड़ी हैं. हमारे संबंध मराठी मानुष से मेरे दादाजी और बालासाहेब ठाकरे के समय से हैं. अब मैं हूं, आदित्य ठाकरे हैं और यहां तक कि राज ठाकरे भी आए हैं. ठाकरे नाम संघर्ष का प्रतीक है, और समय-समय पर कई लोगों ने इस पहचान को खत्म करने की कोशिश की लेकिन वे खुद ही मिट गए.'

'नाम चुराया नहीं जा सकता...'

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि आयोग पार्टी का चुनाव चिह्न फ्रीज कर सकता है, उसे किसी और को दे सकता है, लेकिन उसे वह नाम नहीं दे सकता जो मेरे दादा केशव ठाकरे और पिता बाल ठाकरे ने गढ़ा था. उन्होंने सवाल उठाया, 'चुनाव चिह्न चुराया जा सकता है, लेकिन किसी नाम को कैसे चुराया जा सकता है? लोगों का जो प्यार और विश्वास ठाकरे परिवार को मिला है, वो कैसे छीन सकते हो?'

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ठाकरे ने सीधे तौर पर एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने कुछ भी नहीं बनाया, जो सौ सालों में भी कोई उदाहरण नहीं दे सके, वे अब ‘ठाकरे ब्रांड’ को चुराने में लगे हैं.

भाजपा पर फिर साधा निशाना

ठाकरे ने कहा कि भाजपा सिर्फ इसलिए ठाकरे ब्रांड को खत्म करना चाहती है क्योंकि वे नहीं चाहते कि कोई और सत्ता में आए. उन्होंने 2022 की बगावत को याद करते हुए कहा कि भाजपा ने ही शिवसेना में विभाजन करवाया ताकि उनकी सरकार गिराई जा सके.

गौरतलब है कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई थी और शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर टिप्पणी

ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने शिवसेना का असली प्रतीक चिह्न 'धनुष-बाण' शिंदे गुट को दे दिया, जबकि उनके गुट को ‘शिवसेना (यूबीटी)’ नाम और ‘मशाल’ का चिह्न दिया गया. अब शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है.

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