कुत्ते के काटने के एक महीने बाद 6 साल की बच्ची की मौत... 3 दिसंबर को सेलिब्रेट किया था बर्थडे

ठाणे से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां आवारा कुत्ते के काटने के करीब एक महीने बाद छह साल की बच्ची की मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि बच्ची को समय पर इलाज मिला और एंटी-रेबीज के सभी इंजेक्शन भी लगाए गए थे. शुरुआती दिनों में बच्ची स्वस्थ थी. उसने अपना जन्मदिन भी मनाया, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी जान नहीं बच सकी.

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कुत्ते के काटने के एक महीने बाद बच्ची की मौत. (Photo: Representational) कुत्ते के काटने के एक महीने बाद बच्ची की मौत. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • ठाणे,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

महाराष्ट्र के ठाणे से दर्दनाक घटना सामने आई है. छह साल की बच्ची की सड़क पर घूमने वाले कुत्ते के काटने के करीब एक महीने बाद मौत हो गई. परिजनों ने कहा कि बच्ची को समय पर पूरा इलाज और एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए, इसके बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी.

एजेंसी के मुताबिक, दिवा इलाके में रहने वाली निश्चा शिंदे 17 नवंबर को अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी एक स्ट्रीट डॉग ने उसे कंधे पर काट लिया. घटना के तुरंत बाद परिजन उसे एक स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए, जहां प्राथमिक उपचार किया गया. इसके बाद बच्ची को कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (KDMC) द्वारा संचालित शास्त्रीनगर अस्पताल में रेफर किया गया.

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बच्ची की मां सुषमा शिंदे के अनुसार, निश्चा को रेबीज से बचाव के लिए तय प्रोटोकॉल के तहत सभी जरूरी एंटी-रेबीज इंजेक्शन समय पर लगाए गए थे. इलाज के बाद बच्ची पूरी तरह ठीक नजर आ रही थी और 3 दिसंबर को उसने अपना जन्मदिन भी मनाया. परिवार को उम्मीद थी कि खतरा टल चुका है.

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हालांकि, 16 दिसंबर को आखिरी डोज लगने के एक दिन बाद बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. उसे तेज बुखार और सिरदर्द हुआ, साथ ही उसके व्यवहार में भी बदलाव दिखाई देने लगा. परिजनों के मुताबिक, बच्ची कभी अपना सिर बिस्तर पर पटकने लगती थी तो कभी आसपास मौजूद लोगों को नोचने की कोशिश करती थी. 

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हालत गंभीर होने पर उसे फिर से KDMC अस्पताल ले जाया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए मुंबई के एक सिविक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. KDMC की मेडिकल हेल्थ ऑफिसर डॉ. दीपा शुक्ला ने कहा है कि बच्ची के इलाज में सभी निर्धारित चिकित्सा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया था. मामले की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है.

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