मुंबई के एक वकील हितेंद्र गांधी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने कार्बाइड आधारित पटाखों के बढ़ते उपयोग और दिवाली के बाद वायु प्रदूषण के बीच लोगों के जीवन, स्वास्थ्य, गरिमा और पर्यावरण के अधिकार की रक्षा के लिए जल्दी कदम उठाने की मांग की है.
याचिका में आयोग से कहा गया है कि वह पूरे देश में इसका अध्ययन करे, लोगों को चेतावनी दे और असुरक्षित कार्बाइड पटाखों के निर्माण और इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम बनाए. साथ ही दिवाली के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को भी बनाए रखा जाए.
वायु प्रदूषण पर जताई चिंता
याचिका में बताया गया है कि दिवाली के बाद शहरों में हवा बहुत प्रदूषित हो जाती है. सरकारी और स्वतंत्र वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक बढ़ जाते हैं और AQI 'बहुत खराब' या 'गंभीर' स्तर पर पहुंच जाता है. याचिका में यह भी कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद 'ग्रीन क्रैकर्स' योजना के कारण प्रदूषण में कमी नहीं आई क्योंकि कई लोग गैर-मानक पटाखे इस्तेमाल करते हैं.
कार्बाइड गन्स पर रोक लगाने की मांग
जानवरों पर भी इसका असर होता है. पशु संगठन और अस्पतालों ने दिवाली के बाद कई पालतू और आवारा जानवरों के घायल होने या जलने के मामले दर्ज किए हैं. याचिका में कार्बाइड गन्स जैसे अवैध और असुरक्षित विस्फोटक उपकरणों का जिक्र भी है. भोपाल और बेंगलुरु के बीच 130 से ज्यादा लोग, जिनमें कई बच्चे हैं, इन विस्फोटक पटाखों से घायल हुए. ये उपकरण बिना किसी सुरक्षा मानक के बनाए जाते हैं और बाजार में आसानी से मिल जाते हैं.
'रोकथाम के लिए कदम उठाए NHRC'
याचिका में कहा गया है कि ये घटनाएं गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन हैं क्योंकि इसमें शारीरिक चोट, बच्चों के खतरे और प्रशासनिक लापरवाही शामिल है. इसलिए NHRC को रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए- जैसे कि कार्बाइड पटाखों पर देशभर में प्रतिबंध और नियमों का कड़ाई से पालन. हितेंद्र गांधी ने कहा कि उनका उद्देश्य त्योहार की खुशियां कम करना नहीं है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और जीवन की रक्षा करना है ताकि दिवाली सुरक्षित और खुशहाल तरीके से मनाई जा सके.
विद्या