30 साल से पुरानी इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट जरूरी... नवी मुंबई में 527 इमारतें खतरनाक घोषित

नवी मुंबई में रह रहे लोगों के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है। नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) द्वारा 2024-25 के सर्वे में 527 इमारतों को 'खतरनाक' घोषित किया गया है। जिन इमारतों की उम्र 30 साल से अधिक है, उनके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना अब अनिवार्य कर दिया गया है। समय पर ऑडिट नहीं कराने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। निगम ने इन इमारतों को जल्द खाली करने और मरम्मत कराने की चेतावनी दी है ताकि किसी भी बड़े हादसे से बचा जा सके.

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पुरानी इमारतों के लिए ऑडिट जरूरी. (Representational image) पुरानी इमारतों के लिए ऑडिट जरूरी. (Representational image)

aajtak.in

  • ठाणे,
  • 05 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

महाराष्ट्र के नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए एक अहम चेतावनी जारी की गई है. साल 2024-25 के लिए किए गए सर्वे में कुल 527 इमारतों को ‘खतरनाक’ घोषित किया गया है. ये जानकारी नवी मुंबई महानगरपालिका ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में दी.

एजेंसी के अनुसार, महाराष्ट्र म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के अंतर्गत किए गए इस सर्वे में यह पाया गया कि कई इमारतें ऐसी स्थिति में हैं, जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं. इन्हीं आधार पर 527 इमारतों को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है. उनमें रहने वालों को तुरंत भवन खाली करने की सलाह दी गई है.

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NMMC ने स्पष्ट किया है कि जो भी इमारतें 30 वर्ष या उससे अधिक समय से उपयोग में हैं, उनके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना अनिवार्य है. यह ऑडिट किसी पंजीकृत सिविल या स्ट्रक्चरल इंजीनियर से ही कराना होगा, जो नवी मुंबई महानगरपालिका से अधिकृत हो. इमारत की उम्र का निर्धारण उसके पहले उपयोग (पूरे या आंशिक) की तारीख से किया जाएगा. जिन इमारतों का ऑडिट होगा, उनकी रिपोर्ट संबंधित सहायक आयुक्त या शहरी नियोजन निदेशक को 30 सितंबर तक जमा करानी जरूरी है.

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यदि भवन स्वामी या निवासी स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं कराते हैं, तो उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना या पूरे साल का प्रॉपर्टी टैक्स लगाया जा सकता है. NMMC ने अपील की है कि समय रहते जरूरी ऑडिट कराएं. ऑडिट के बाद इंजीनियर के अनुसार जरूरी मरम्मत भी कराना होगा और प्रमाणपत्र भी नगर निगम में जमा करना होगा. अफसरों का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि मानसून से पहले किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके. खासकर पुराने इलाकों में जहां इमारतें जर्जर हो चुकी हैं, वहां रह रहे लोगों की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है.

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