जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के नांदेड़ से गए एक दंपत्ति कृष्णा लोलागे और उनकी पत्नी साक्षी इस हमले से चंद मिनट पहले ही उस जगह से निकलकर बाल-बाल बच गए.
कृष्णा लोलागे और साक्षी 19 अप्रैल को टूर पर नांदेड़ से पहलगाम पहुंचे थे. जिस जगह आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं, उसी स्थान पर ये दोनों मौजूद थे. हमले से सिर्फ 15 मिनट पहले वे वहां से निकल चुके थे. हमले की खबर सुनते ही वे पास के एक होटल में शरण ली और वहां सुरक्षित ठहर गए.
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कृष्णा ने अपने छोटे भाई कुणाल लोलागे को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी. कुणाल के मुताबिक, हमले के वक्त कृष्णा और साक्षी वहीं थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने समय रहते उन्हें अलर्ट किया और सुरक्षित जगह की ओर रवाना किया. फोन पर बातचीत के दौरान कृष्णा ने बताया कि अगर हम 15 मिनट और वहीं रुकते, तो शायद अब इस दुनिया में नहीं होते.
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घटना की जानकारी मिलते ही नांदेड़ स्थित लोलागे परिवार में डर और घबराहट का माहौल बन गया. जैसे ही परिवार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा कृष्णा और साक्षी का वीडियो देखा, सबकी आंखें भर आईं. वीडियो में वे दोनों हमले के बारे में बात कर रहे हैं और खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दे रहे हैं.
कृष्णा और साक्षी अभी भी पहलगाम में फंसे हुए हैं. भाई कुणाल ने बताया कि जैसे ही फ्लाइट टिकट उपलब्ध होगी, वे दोनों नांदेड़ लौट आएंगे. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों के तहत उन्हें वापसी में मदद मिलने की उम्मीद है.
इस घटना से कुछ देर पहले की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें कृष्णा और साक्षी उसी स्थान पर खड़े नजर आ रहे हैं. छोटे भाई कुणाल लोलागे ने कहा कि भैया ने बताया कि किस तरह एक लोकल ने उन्हें हमले की जानकारी दी और जल्दी हटने को कहा. हम सब बहुत डरे हुए हैं, लेकिन राहत की बात है कि वे दोनों सुरक्षित हैं.
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