'हम साथ आए हैं... एक साथ रहने के लिए', मुंबई की रैली में गरजे उद्धव ठाकरे

मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में ठाकरे ब्रदर्स ने 20 सालों बाद मंच साझा किया है. एक लंबे समय बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर एक साथ आए. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके बीच के मतभेदों को कुछ लोगों ने दूर किया है और अब वे एक साथ आए हैं और एक साथ रहेंगे. उन्होंने मराठी भाषा और मराठी मानुष के लिए एकजुटता पर जोर दिया.

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मराठी विजय रैली में गरजे उद्धव ठाकरे मराठी विजय रैली में गरजे उद्धव ठाकरे

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

Uddhav Thackeray speech during marathi rally: महाराष्ट्र के राजनीति के लिए आज (शुक्रवार) बड़ा दिन है. मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने संयुक्त रैली की. इस रैली का नाम 'मराठी विजय रैली' दिया गया. इस रैली में एक साथ दोनों भाई, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दिखे. क़रीब 20 सालों बाद दोनों भाइयों ने मंच साझा किया है. इस ऐतिहासिक मिलन से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं.

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रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि हम (राज ठाकरे) साथ आए हैं, एक साथ रहने के लिए. हम एक साथ हैं, ये महत्वपूर्ण है. हमारे और राज के बीच जो अंतर था, वह कुछ लोगों ने दूर किया है. मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि ये लोग यूज़ एंड थ्रो की पॉलिसी का इस्तेमाल करते हैं. अब हमारी बारी है. अब हम इन्हें उखाड़कर बाहर फेकेंगे. आप लोग सभी लोगों के स्कूल खोज रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस स्कूल में गए? हिंदुत्व पर किसी एक का अधिकार नहीं है. हमें हिंदुत्व सिखाने की ज़रूरत नहीं है.

 

उद्धव बोले - 1992 में जब मुंबई में हिंसा फैला थी तो यहां के मराठी लोगों ने हिंदुओं की जान बचाई थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोला है कि वह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगर वह अपनी भाषा को लेकर गुंडागर्दी करेंगे तो फिर हम भी गुंडे हैं. 

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यह भी पढ़ें: 20 साल बाद मुंबई में एक मंच पर ठाकरे ब्रदर्स, उद्धव बोले- अगर अपनी भाषा के लिए लड़ना गुंडागिरी है, तो हां हम गुंडे हैं

उन्होंने कहा कि वे पूछ रहे हैं कि क्या हम मराठी नहीं हैं? क्या हमें अब यह साबित करने के लिए रक्त परीक्षण करने की आवश्यकता है? हमें मुंबई मिली है, जिसके लिए हमने लड़ाई की. उस समय के राजनेता नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र में मराठी हों. अब केंद्र की मोदी सरकार कहती है कि हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान. हमें हिंदू और हिंदुस्तान तो मंजूर है. लेकिन हिंदी नहीं. जबरदस्ती हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपकी सात पीढ़ियां भी अगर हम पर हिंदी थोपेंगी तब भी हम ऐसा होने नहीं देंगे. 

अडानी के पास चली गई मुंबई की ज्यादातर जमीनें: उद्धव

उद्धव ने कहा कि हमें शर्म आनी चाहिए कि मुंबई की ज्यादातर जमीनें अडानी के पास चली गईं हैं. जिसके लिए हमारे शहीदों ने ख़ून बहाया था, हम अपने ज़मीन को भी नहीं बचा सके.

भारी संख्या में लोग रैली में हुए शामिल

मराठी विजय रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इसमें दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में अपनी मौजूदगी स्थापित की. तस्वीरों के जरिए आप देख सकते हैं.

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मुंबई में आयोजित हुई मराठी विजय रैली (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)

 

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