कबूतरों को दाना डालना पड़ा भारी... कोर्ट ने बिजनेसमैन पर लगाया 5 हजार का जुर्माना

सेहत से जुड़े मामले को लेकर सख्ती दिखाते हुए मुंबई की एक अदालत ने कबूतरों को दाना डालने के मामले में एक व्यवसायी को दोषी ठहराया है. अदालत ने इसे खतरनाक बीमारियों के फैलने की आशंका वाला कृत्य मानते हुए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह फैसला बीएमसी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद आया है.

Advertisement
कबूतरों को दाना डालने पर लगा जुर्माना. (Photo: Representational) कबूतरों को दाना डालने पर लगा जुर्माना. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए एक अदालत ने बड़ा संदेश दिया है. शहर की अदालत ने कबूतरों को दाना डालने के मामले में एक व्यवसायी पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को खाना खिलाना ऐसा कृत्य है, जिससे मानव जीवन के लिए खतरनाक बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है.

Advertisement

एजेंसी के अनुसार, यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब कुछ महीने पहले ही बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने स्वास्थ्य और सार्वजनिक परेशानी का हवाला देते हुए शहर के अधिकांश इलाकों में कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगा दी थी. बीएमसी का कहना है कि कबूतरों की बीट और उनसे फैलने वाले बैक्टीरिया व फंगस लोगों के लिए गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरा है.

यह भी पढ़ें: 'एक लाख कबूतरों की मौत हो चुकी...', दादर कबूतरखाना बंद करने के विरोध में जैन मुनि का मुंबई में अनशन

दादर के रहने वाले 52 साल के नितिन शेठ को 1 अगस्त को माहिम इलाके में कबूतरों को दाना डालते हुए पकड़ा गया था. इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस मामले की सुनवाई बांद्रा स्थित अदालत में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वी. यू. मिसाल के समक्ष हुई.

Advertisement

22 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान नितिन शेठ ने अदालत के सामने नरमी बरतने की अपील की. अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें जेल की सजा की बजाय 5,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया.

अदालत ने फैसले में कहा कि आरोपी का कृत्य मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाला है और सरकारी आदेश का उल्लंघन भी है. इसके अलावा, उन्हें धारा 271 के तहत भी दोषी ठहराया गया, जो ऐसे लापरवाह कृत्यों से संबंधित है, जिनसे जानलेवा बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement