महाराष्ट्र के मालेगांव कोर्ट ने डोंगराले में हुए 3 साल की बच्ची के दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को 1 दिसंबर तक के लिए फिर से पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पीड़ित परिवार के सरकारी वकील संजय सोनवणे ने केस में दलील दी. सुरक्षा कारणों से आरोपी की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. आरोपी को लीगल एड के जरिए वकील मिला है.
नासिक के मालेगांव ग्रामीण इलाके में 16 नवंबर को हुई इस घटना के खिलाफ गुरुवार को मालेगांव में प्रदर्शन शुरू हो गया. प्रदर्शनकारियों ने कैंप, मोसम ब्रिज और सेशंस कोर्ट के बाहर सड़कें ब्लॉक कर दीं.
गुस्साई भीड़ ने मालेगांव कोर्ट में हंगामा करते हुए न्यायालय के दरवाजे पर चप्पलें फेंकी और दरवाजा तोड़ने की कोशिश की. पुलिस ने भीड़ को शांत करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया. भीड़ ने आरोपी डोंगराले को फांसी की सजा देने की मांग की.
1 दिसंबर तक बढ़ी पुलिस कस्टडी...
कोर्ट परिसर में सुबह से भारी सुरक्षा के बावजूद, हंगामा करने वालों को शांत करने की पुलिस की कोशिशें नाकाम रहीं. एक अधिकारी ने कहा कि भीड़ पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं थी. इसलिए, कोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कार्रवाई करनी पड़ी, जिसके बाद एडिशनल सेशंस जज केआर पाटिल ने आरोपी की पुलिस कस्टडी 27 नवंबर तक बढ़ा दी. बाद में मालेगांव कोर्ट ने आरोपी को 1 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
चॉकलेट के लालच में मासूम को बहलाया
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने कथित तौर पर बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर बहला-फुसलाकर ले गया था. जब बच्ची गायब हुई, तो उसके माता-पिता ने पुलिस से मदद मांगी. बच्ची की बॉडी बाद में आरोपी के घर के पास एक मोबाइल टावर के पास मिली. आरोपी को सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान गुप्त रखते हुए लीगल एड के जरिए वकील मिला है.
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पीड़ित परिवार से नेताओं ने की मुलाकात
जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन और मराठा एक्टिविस्ट मनोज जरांगे ने लड़की के परिवार से मिलकर दुख जताया. उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि वे आरोपियों को सख्त सज़ा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सरकार से बात करेंगे. राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रूपाली चाकणकर शुक्रवार को परिवार से मिलने मालेगांव जाएंगी.
पुलिस हिरासत में प्रदर्शनकारी...
मालेगांव में लोगों ने सड़क जाम की और बच्ची पर हुए अत्याचार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोपियों को फांसी देने की मांग की. प्रदर्शन करने वाले दादा भुसे के बेटे अभिषेक भुसे समेत कुछ लोग पुलिस हिरासत में लिए गए.
मालेगांव की मासूम पर अत्याचार के विरोध में जालना जिले के अंबड शहर में स्वयंस्फूर्त एकदिवसीय बंद रखा गया. शहर के व्यापारियों, नागरिकों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया और आरोपी को तुरंत फांसी की सज़ा देने की जोरदार मांग की. नागरिकों ने प्रशासन के समक्ष मालेगांव प्रकरण के आरोपी पर तुरंत कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग रखी.
छात्रों की रैली और न्याय का संकल्प
जालना शहर के चंदनझिरा इलाके में स्कूल के छात्रों ने भी इस घटना के विरोध में मोर्चा निकाला. छात्रों ने हाथों में प्लेकार्ड लेकर रैली निकालते हुए आरोपी को तत्काल फांसी की सज़ा देने की मांग की. उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द और कड़ी कार्रवाई करने की अपील की. जालना के कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया है.
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