खेतों में भरा पानी, फसल पूरी तरह बर्बाद… नुकसान देखकर बिलख उठा बुजुर्ग किसान, करने लगा जान देने की कोशिश

महाराष्ट्र के लातूर में भारी बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं. यहां अहमदपुर तहसील के एक गांव में फसल में हुए नुकसान को देख 70 वर्षीय किसान ने आत्महत्या की कोशिश की. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने समय रहते उन्हें बचा लिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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फसल हुई बर्बाद तो किसान ने की आत्महत्या की कोशिश. (Photo: Screengrab) फसल हुई बर्बाद तो किसान ने की आत्महत्या की कोशिश. (Photo: Screengrab)

अनिकेत जाधव

  • लातूर,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

महाराष्ट्र के लातूर जिले में झमाझम बारिश ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. यहां नदियां उफान पर आ गईं और खेतों में पानी घुस गया. इसकी वजह से कई हेक्टेयर में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. इसी कड़ी में लातूर की अहमदपुर तहसील के ब्रह्मवाडी गांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग किसान ने अपनी आंखों के सामने फसल बर्बाद होती देख आत्महत्या की कोशिश की.

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में 70 वर्षीय किसान मोतीराम मारुति घुगे अपने खेत में पानी घुसने से बर्बाद हुई फसल देखकर फूट-फूटकर रोते नजर आ रहे हैं. 

मोतीराम के पास महज डेढ़ एकड़ जमीन है. इसी जमीन से उनके परिवार का गुजर-बसर होता है. लेकिन बारिश और बाढ़ के चलते खेत पूरी तरह डूब गए और खड़ी फसल चौपट हो गई. नुकसान का यह मंजर देख वे खुद को संभाल नहीं पाए और पास ही बह रही नदी की ओर दौड़कर आत्महत्या की कोशिश करने लगे.

यह भी पढ़ें: Rainfall Update: उफान पर नदियां, खेत लबालब, फसलें भी तबाह... कश्मीर से केरल तक भारी बारिश की मार

गनीमत रही कि मौके पर मौजूद गांव के कुछ युवकों ने उन्हें पकड़ लिया और पानी की ओर जाने से रोक दिया. ग्रामीणों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया. इस वीडियो ने न केवल गांववालों को झकझोर दिया, बल्कि जिले के किसानों की गंभीर स्थिति को भी उजागर कर दिया है. 

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बारिश और बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद होने से किसानों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. मोतीराम घुगे ने सरकार से उनके खेतों के नुकसान का पंचनामा कराने और उचित आर्थिक मुआवजा देने की मांग की है. लातूर सहित आसपास के कई इलाकों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, जहां किसान अपनी मेहनत की कमाई को पानी में बहते देख निराशा और हताशा में हैं.

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