भारत के कई हिस्सों में गुरुवार को भी पानी का तेज बहाव सड़कें और पुल निगल गया, इमारतें बहा गई और गांवों का संपर्क टूट गया. बारिश के कारण कई लोग फंसे हुए हैं और बचाव दल उन तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उत्तर में हिमाचल प्रदेश से लेकर दक्षिण में केरल तक, बारिश के कारण नदियों और बांधों का जलस्तर बढ़ गया और आवासीय क्षेत्रों व कृषि क्षेत्रों में पानी भर गया है. हालांकि कश्मीर में दो दिन बाद बारिश रुकने से बाढ़ का खतरा कम हो गया है, जिससे लोगों को राहत मिली है.
हिमाचल प्रदेश में अधिकारियों ने बताया कि रावी नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण कांगड़ा जिले के सुदूर बड़ा बंगाल गांव में कई सरकारी इमारतें बह गईं. हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गयी. बैजनाथ के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट संकल्प गौतम ने बताया, "मंगलवार को निचले बड़ा बंगाल में एक प्राथमिक और उच्च विद्यालय, पंचायत घर, एक आयुर्वेदिक औषधालय और एक नागरिक आपूर्ति भंडार बह गए, जिसमें लगभग 70 क्विंटल राशन रखा था. दो पुलों के बह जाने के कारण गांव का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है."
गौतम ने बताया कि गांव में 180 क्विंटल राशन भेजा जा रहा है, लेकिन सड़कें जाम हैं. उन्होंने बताया कि ज़रूरत पड़ने पर ज़रूरी सामान और दवाइयां हवाई जहाज़ से पहुंचाई जाएंगी. 7,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित बड़ा बंगाल गांव तक केवल थमसर और कलिहानी दर्रों से होकर पैदल ही पहुंचा जा सकता है. सर्दियों के दौरान यह चार से छह महीने तक राज्य के बाकी हिस्सों से कटा रहता है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के 12 में से 11 ज़िलों में 536 सड़कें बंद हैं. चंबा से रिपोर्ट नहीं मिली है क्योंकि ज़िले में संचार नेटवर्क ठप है.
कश्मीर में कम हुआ बाढ़ का खतरा
कश्मीर में बाढ़ का खतरा कम हो गया है, क्योंकि मौसम सुधरने के साथ झेलम नदी और अन्य जलाशयों का जलस्तर कम होने लगा है. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 12 घंटों में कश्मीर घाटी में बहुत कम बारिश हुई है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के संगम पर झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के स्तर से नीचे पहुंच गई है हालांकि श्रीनगर में यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन जलस्तर घटने लगा है. नदी की सहायक नदियां भी बाढ़ चेतावनी स्तर से नीचे बह रही हैं.
जम्मू के कुछ जिलों में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, 30 अगस्त से 1 सितंबर तक जम्मू के कुछ जिलों में मध्यम से भारी बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. 2 से 6 सितंबर तक कुछ स्थानों पर हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह कुछ दिनों में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और यह समझेंगे कि 2014 की बाढ़ के बाद बाढ़ से निपटने के लिए क्या उपाय किए गए थे और जहां भी केंद्र शासित प्रदेश में कमी होगी, वहां सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे.
उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर दोनों जगहों पर भारी बारिश हुई. अगर बारिश एक या उससे ज़्यादा दिन तक जारी रहती, तो हमें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता लेकिन पानी कम होने लगा है. जम्मू में पानी तेज़ी से कम होता है, जबकि कश्मीर में थोड़ा समय लगता है."
पंजाब में कम से कम आठ जिले अचानक बाढ़ से प्रभावित
पंजाब में जहां कम से कम आठ जिले अचानक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, केंद्रीय और राज्य एजेंसियों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए अथक प्रयास किया है. अमृतसर जिला प्रशासन ने सेना की मदद से रामदास क्षेत्र के जलमग्न गांवों में फंसे बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को निकाला. रावी नदी के बढ़ते जल से प्रभावित क्षेत्र में उभयचर वाहन और नौकाएं तैनात की गईं. अधिकारियों ने बताया कि होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 1,052 लोगों को बचाया गया है.
5,287 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान
ब्यास नदी और बारिश से पानी के भारी प्रवाह के कारण टांडा और मुकेरियां उप-मंडलों के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 15 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं और इनमें 413 लोग रह रहे हैं, जिनमें से 280 लोग पिछले 16 घंटों में सुरक्षित स्थानों पर पहुँचे हैं. बाढ़ से अब तक ज़िले में 5,287 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि इस मॉनसून में 17 कच्चे मकान ढह गए, पांच को गंभीर क्षति पहुंची तथा एक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ.
उफान पर गंगा, वाराणसी में डूबे घाट
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्तर प्रदेश के वाराणसी के घाटों पर दैनिक आरती और दाह संस्कार सहित सामान्य गतिविधियां बाधित हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में मामूली गिरावट के बाद गंगा नदी गुरुवार सुबह 70.262 मीटर के चेतावनी निशान को पार कर 70.91 मीटर पर पहुंच गई, जो खतरे के स्तर 71.262 मीटर के करीब है.
राजस्थान में सोयाबीन, मूंग, उड़द और मक्का की फसलें पूरी तरह नष्ट
राजस्थान में बूंदी जिले में पानी कम हो गया है और नैनवां, कापरेन और केशोरायपाटन क्षेत्रों में ग्रामीण बाढ़ से तबाह हुए अपने घरों से सामान निकालने की कोशिश करते देखे गए. क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ है और सोयाबीन, मूंग, उड़द और मक्का की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. हालांकि यह राहत अल्पकालिक हो सकती है, क्योंकि मौसम विभाग ने 29-30 अगस्त से दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधि में वृद्धि की भविष्यवाणी की है.
कोटा और उदयपुर संभाग में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, कोटा और उदयपुर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. जोधपुर और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में भी इस दौरान मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के नांदेड़ और लातूर जिलों में भारी बारिश के बीच 2,200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि मुखेड़, कंधार और नयागांव के 17 राजस्व सर्किलों में भारी बारिश हुई, नांदेड़ के बिलोली और नरसी क्षेत्रों में सबसे अधिक 115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि लातूर के 29 सर्किलों में 65 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई.
केरल के 6 जिलों में 'ऑरेंज' अलर्ट
केरल में बारिश तेज हो गई है, जिससे वायनाड जिले के थमारास्सेरी दर्रे पर भूस्खलन हुआ है और बांधों का जलस्तर बढ़ गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने छह जिलों - एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. 'ऑरेंज' अलर्ट का मतलब 11 सेमी से 20 सेमी तक की भारी बारिश से है.
तेलंगाना में भारी बारिश जारी
आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में एक व्यक्ति की घर की दीवार गिरने से मौत हो गई तथा पांच लोग बाढ़ के पानी में बह जाने से लापता हैं. कामारेड्डी, निज़ामाबाद और करीमनगर जिलों में भारी बारिश जारी है. तेलंगाना विकास योजना सोसाइटी के अनुसार, कामारेड्डी जिले के रामारेड्डी गांव में सुबह 8.30 बजे से शाम 4 बजे तक 171.3 मिमी बारिश हुई, जबकि निज़ामाबाद जिले के कलदुर्की में 163.8 मिमी बारिश हुई.
दक्षिण मध्य रेलवे ने रद्द कीं 69 ट्रेनें
दक्षिण मध्य रेलवे ने कहा कि हैदराबाद डिवीजन में विभिन्न स्थानों पर पटरियां जलमग्न होने के कारण 69 ट्रेनें रद्द कर दी गईं. कर्नाटक के बीदर जिले में औरद तालुक में रातभर हुई बारिश के कारण भालकी तालुक के बादलगांव-चोंडिमुखेड में दादागी पुल सहित कई पुल जलमग्न हो गए, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई. दक्षिण कन्नड़ जिले में प्रशासन ने गुरुवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया, क्योंकि आईएमडी ने भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया गया है. अधिकारियों ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है.
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