चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर में हुई प्रार्थना, पंचमुखी महादेव मंदिर में हुआ दुग्धाभिषेक

चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिले इसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों के हौसला बढ़ाने और चंद्रयान-3 की सफलता के लिए महाराष्ट्र के बुलढाणा में पंचमुखी महादेव मंदिर में दुग्धाभिषेक के साथ प्रार्थना की गई. इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे. एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.'

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चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर में हुई प्रार्थना चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर में हुई प्रार्थना

ज़का खान

  • बुलढाणा,
  • 14 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग इसरो द्वारा कराई गई. आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर LVM3- M4 रॉकेट के जरिए इसे स्पेस भेजा गया.

चांद पर चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिले इसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों के हौसला बढ़ाने और चंद्रयान-3 की सफलता के लिए महाराष्ट्र के बुलढाणा में पंचमुखी महादेव मंदिर में दुग्धाभिषेक के साथ प्रार्थना की गई.

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इसके अलावा द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर और श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में विशेष पूजन अर्चन अनुष्ठान किया गया.  

 

सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से चंद्रयान-3 को लेकर अंतरिक्ष की ओर जाता LVM3-M4 रॉकेट

 

चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देशभर में हुई प्रार्थना

फ्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लॉन्च की बधाई देते हुए ट्वीट किया.उन्होंने कहा कि, 'चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक शानदार चैप्टर की शुरुआत की है.' पीएम मोदी ने कहा, 'यह भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूं.'

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, 'चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है. चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे. एएलवीएम3- एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है.'

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एस. सोमनाथ ने महाकालेश्वर मंदिर में की थी पूजा अर्चना

बता दें, इसरो चीफ डॉक्टर. एस. सोमनाथ बीती 24 मई को उज्जैन गए थे. जहां उन्होंने महाकालेश्वर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए थे. वे श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर भी पहुंचे थे. 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान महाकालेश्वर को तीनों लोकों का स्वामी कहा जाता है. उन्हें धरती, आकाश और जल में सर्वप्रथम और सर्व पूज्य कहा गया है. यही कारण है कि इसरो प्रमुख ने महाकाल मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए कामना की थी. 
 

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