मुंबई में मराठा आरक्षण एक्टविस्ट (Maratha reservation activist) मनोज जरांगे पर पुलिस ने दो मामलों में आरोपी बनाया है. दरअसल, महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड जिले में बिना अनुमति उनके समर्थकों द्वारा दो अलग-अलग जगहों पर धरना प्रदर्शन और सड़क जाम करने को लेकर मनोज जरांगे पर दो मामला दर्ज किया गया है. जबकि, दोनों ही जगह मनोज जरांगे उपस्थित नहीं थे. इसके बावजूद उन पर मामला दर्ज किया गया. अधिकारियों का कहना है कि मनोज की अपील पर उनके समर्थक प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे थे.
एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार करीब 80 लोगों पर गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने, लोक सेवक द्वारा कानूनी रूप से आदेश और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के सेक्शन 135 की अवहेलना का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है. शनिवार को बीड जिले के शिरुर गांव में जतनादुर फाटा में विरोध प्रदर्शन और पटोदा में बीड-अहमदनगर रोड को जाम कर दिया गया था.यह जमकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की थी. एजेंसी के अनुसार पुलिस अधिकारी का कहना है कि जरांगे के समर्थकों ने अधिकारियों से आवश्यक अनुमति के बिना और बीड जिला कलेक्टर की ओर से जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया था.
मनोज जरांगे की अपील पर हुआ था सड़क जाम
पुलिस अधिकारी का कहना है कि ये सारे विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी और सड़क जाम सिर्फ और सिर्फ जरांगे की ओर से की गई अपील के कारण की गई थी. यही कारण है कि मनोज जरांगे का नाम भी अन्य आरोपियों के साथ जोड़ा गया है. जरांगे कुनबी मराठों को महाराष्ट्र सरकार की ओर से प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहे हैं. कुनबी एक कृषक कम्युनिटी है जो ओबीसी कटैगरी के अंदर ही आती है.
जरांगे ने वापस ली भूख हड़ताल
जारांगे कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने और ओबीसी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते रहे हैं. जरांगे ने रविवार को ऐलान किया था कि वह अपनी मांगों पर जोर डालने के लिए मुंबई तक यात्रा करेंगे. जैसा कि उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को लागू करने से रोके रखने का आरोप लगाया है. साथ ही जरांगे ने 17 दिनों बाद सोमवार को अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली.
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