2015 मुम्ब्रा हत्या केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी को किया बरी, कहा– गवाह और 'मरते वक्त का बयान' अविश्वसनीय

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2015 में मुम्ब्रा रेलवे स्टेशन के पास हुई हत्या के मामले में आरोपी बबलू को बेगुनाह करार दिया. रोहित जाधव की चाकू से हत्या के आरोप में रियाज़ पर आरोप था, लेकिन कोर्ट ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत मुख्य सबूतों को अस्वीकार किया.

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2015 में मुम्ब्रा रेलवे स्टेशन के पास रोहित जाधव की चाकू मारकर हत्या हो गई थी (File Photo: ITG) 2015 में मुम्ब्रा रेलवे स्टेशन के पास रोहित जाधव की चाकू मारकर हत्या हो गई थी (File Photo: ITG)

विद्या

  • मुंबई,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुम्ब्रा रेलवे स्टेशन के पास हुई हत्या के एक पुराने मामले में आरोपित रियाज़ उर्फ बबलू मुझावर को बरी कर दिया है. कोर्ट ने यह फैसला पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूतों को रिजेक्ट करते हुए सुनाया. कोर्ट ने यह भी माना कि मरते वक्त दिए गए बयान पर विश्वास नहीं किया जा सकता.

2015 में मुम्ब्रा रेलवे स्टेशन के पास रोहित जाधव की चाकू से हत्या हो गई थी. आरोप था कि उसका दोस्त रियाज़ ने पुराने विवाद के चलते उसे कई बार चाकू मारा. पुलिस ने इस मामले में एक पानवाले को मुख्य गवाह बनाया, जिसने झगड़ा और हमले का दावा किया. साथ ही, रोहित के भाई ने कहा कि घायल रोहित ने मरते वक्त हमलावर का नाम बताया. पुलिस ने रियाज़ को गिरफ्तार कर उसके बताए स्थान से चाकू बरामद किया, जिस पर खून के दाग पाए गए.

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हाईकोर्ट में दलीलें

बचाव पक्ष की वकील एडवोकेट जान्हवी कार्णिक ने तर्क दिया कि घटना स्थल पर दर्जनों लोग मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने केवल एक गवाह पेश किया. वह गवाह पुलिस थाने में रात भर रखा गया था, जिसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है. वहीं, रोहित की गंभीर चोटों के कारण वह "मरते वक्त बयान" देने के लिए असमर्थ था. बरामद चाकू भी सार्वजनिक जगह से मिला, और आरोपी के कपड़ों पर किसी तरह का खून नहीं पाया गया.

यह भी पढ़ें: 26/11 मामले में बरी व्यक्ति को चरित्र प्रमाण पत्र नहीं देने पर महाराष्ट्र सरकार को बॉम्बे HC की फटकार

पुलिस ने कहा कि पानवाला सच्चा गवाह है और मरते वक्त दिया गया बयान भी अहम है. चाकू पर खून होना आरोप की कंफर्म करता है.

हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

हाईकोर्ट ने गवाह के थाने में कैद रहने और बयान देने की प्रकिया को संदिग्ध करार दिया. गंभीर चोटों के चलते मरने वाले का बयान भी भरोसेमंद नहीं माना. बरामद चाकू जैसे सबूत भी पर्याप्त नहीं पाए गए.

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