BMC मुंबई द्वारा उपनगरों के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को अपने मुख्यालय में एक ऑफिस दिए जाने के बाद विपक्ष में काफी रोष है. विपक्ष ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई के प्रभारी मंत्रियों ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मुख्यालय में कार्यालय स्थापित करके एक गलत मिसाल पेश की है और यह नगर निकायों के अधिकारों के अतिक्रमण का कृत्य है. विपक्ष ने इस अभूतपूर्व कदम के लिए बीएमसी की आलोचना की है.
सेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि डेवलपर्स को अब बीएमसी में कार्यालय मिल रहे हैं, 'बीएमसी और नागरिक निकाय के मुख्यालय का नाम बदलकर शायद 'कासा बीएमसी' कर दिया जाएगा, जो एक बिल्डर के विज्ञापन की तरह लग रहा है. बीएमसी नगरसेवकों का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हो गया और तब से बीएमसी बिना किसी निर्वाचित प्रतिनिधि के है और नगर आयुक्त इकबाल चहल द्वारा चलाया जा रहा है जो बीएमसी के प्रशासक भी हैं.'
आप की मुंबई अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन ने ट्वीट किया, 'बीजेपी बिल्डरों के लिए, बिल्डरों द्वारा. मुंबई के संरक्षक मंत्री+ शीर्ष बिल्डर लोढ़ा का मौजूदा समय में बीएमसी में कोई स्थान नहीं है, इसलिए मुंबई की अचल संपत्ति की लूट को बढ़ावा देने के लिए लोढ़ा के अलावा कोई पार्टी कार्यालय नहीं है.'
लोढ़ा को दूसरी मंजिल पर ऑफिस सौंपा गया है. इसी फ्लोर पर बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल का भी ऑफिस है. शुक्रवार को, लोढ़ा नागरिक मुख्यालय पहुंचे और बीएमसी नगरसेवकों ने उनका स्वागत किया, जिनके पास पिछले साल पार्टी कार्यालय बंद होने के कारण मौजूदा समय में अपने लिए कोई जगह नहीं है. सेना के दो गुटों के बीच झड़प के बाद कार्यालय बंद कर दिए गए.
अपने बचाव में लोढ़ा ने कहा कि कार्यालय को नागरिकों से मिलने और उनकी चिंताओं को सुनने के लिए कहा गया था. इसलिए, उन्होंने बीएमसी में कार्यालय के लिए जगह मांगी. उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार लोगों के बीच जाती है और काम करती है, न कि सोशल मीडिया पर. मैं यहां बैठूंगा और नागरिकों की समस्याएं सुनूंगा और उन्हें समाधान दूंगा. मैंने सरकारी पहल-शासन अपल्या दारी (सरकार आपके द्वार) के माध्यम से उपनगरीय मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और महसूस किया कि कई समस्याएं बीएमसी से संबंधित थीं.'
लोढ़ा जहां उपनगरीय मुंबई के संरक्षक मंत्री हैं, वहीं शिवसेना के दीपक केसरकर मुंबई शहर के संरक्षक मंत्री हैं. यह मुद्दा महाराष्ट्र राज्य विधानसभा में भी उठाया गया था, एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार को मंत्री को उचित निर्देश देना चाहिए और गलत मिसाल कायम करने से बचना चाहिए.
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