Bal Thackeray death anniversary: मुंबई के शिवाजी पार्क में सोमवार को हजारों लोग शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 13वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इस मौके पर सबसे खास नजारा था ठाकरे परिवार का एक साथ नजर आना.
उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि, बेटा आदित्य और उनके चचेरे भाई, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे - सभी लोग बालासाहेब के स्मारक पर पहुंचे.
कभी एक-दूसरे के खिलाफ रहने वाले उद्धव और राज ठाकरे इस बार काफी करीब दिखाई दिए. दोनों के बीच गर्मजोशी देखने लायक थी. ये संकेत माना जा रहा है कि दोनों शायद आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले किसी गठबंधन की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने औपचारिक ऐलान अभी नहीं किया है.
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत भी बीमारी के बावजूद श्रद्धांजलि देने पहुंचे. उन्होंने मास्क पहन रखा था और अपने भाई, विधायक सुनील राउत का हाथ थामे हुए थे.
बाल ठाकरे की याद और विचार
बाल ठाकरे का निधन 17 नवंबर, 2012 को मुंबई स्थित उनके निवास ‘मातोश्री’ में लंबी बीमारी के बाद हुआ था. राज ठाकरे ने उनकी पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि बालासाहेब वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भाषा और अस्मिता के आधार पर एक राजनीतिक आंदोलन खड़ा किया और उसे पार्टी का रूप दिया.
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राज ने लिखा कि जब देश में जाति आधारित राजनीति बढ़ रही थी और बीजेपी का “कमंडल” एजेंडा तेज हो रहा था, तब सिर्फ बाल ठाकरे ही ऐसे नेता थे जिन्होंने हिंदू स्वाभिमान को जिंदा रखा. उनके लिए हिंदू धर्म सिर्फ वोट पाने का साधन नहीं था, बल्कि गर्व और प्रेम का विषय था.
राज ठाकरे के मुताबिक, “बालासाहेब ने कभी तर्क और समझदारी का साथ नहीं छोड़ा. वे हिंदुत्व के कट्टर समर्थक थे, लेकिन आलोचनात्मक सोच (क्रिटिकल थिंकिंग) भी रखते थे.”
बीजेपी पर अप्रत्यक्ष निशाना
अपने संदेश में राज ठाकरे ने बिना सीधे नाम लिए बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा कि आज की राजनीति सिर्फ सत्ता पाने और फिर उसे बर्बाद करने तक सीमित हो गई है. उन्होंने कहा, “बालासाहेब ने राजनीति से ज्यादा समाज सेवा को प्राथमिकता देने का विचार दिया था.”
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