महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि उनके बेटे की कंपनी द्वारा पुणे में खरीदी गई सरकारी जमीन को बेचा नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदेशित जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार, मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन को 300 करोड़ रुपये में एक ऐसी कंपनी को अवैध रूप से बेचे जाने के मामले में उठे सवालों के दो दिन बाद यहां बोल रहे थे, जिसमें उनके बेटे पार्थ पवार भी भागीदार हैं. इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, हालांकि उनमें पार्थ पवार का नाम नहीं है.
पुणे जिले के संरक्षक मंत्री के रूप में कई आधिकारिक बैठकें करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, 'चाहे इसमें कोई भी शामिल हो, मुंधवा भूमि सौदे की उचित जांच होनी चाहिए. जांच शुरू हो गई है और जल्द ही सारी जानकारी सामने आ जाएगी.' उन्होंने आगे कहा, 'वास्तविक लेन-देन हुआ ही नहीं. सेल डीड नहीं होनी चाहिए थी. मुझे नहीं पता कि यह कैसे किया गया. जो भी इसमें शामिल है, उसकी उचित जांच होनी चाहिए. मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुआ, जबकि मुझे बुरी तरह बदनाम किया गया. मुख्यमंत्री द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद, इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. रजिस्ट्रार कार्यालय जांच कर रहा है.'
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मुंधवा लैंड डील की जांच-पड़ताल नहीं हुई
अजित पवार ने स्वीकार किया कि सेल डीड पर साइन करने से पहले कोई उचित जांच-पड़ताल या कानूनी जांच नहीं की गई थी. उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या किसी प्रभावशाली व्यक्ति ने सरकारी अधिकारियों को फोन किया था और उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. इस लैंड डील को अब रद्द कर दिया गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है और इंस्पेक्टर जनरल आफ रजिस्ट्रेशन (राज्य के पंजीकरण एवं स्टाम्प विभाग का सर्वोच्च अधिकारी) को लैंड डील की जांच के आदेश दिए हैं.
₹1800 Cr की जमीन ₹300 करोड़ में बिकी
अमाडिया एंटरप्राइजेज को 40 एकड़ सरकारी जमीन की बिक्री का मामला गुरुवार को तब सामने आया, जब सेल डीड को आवश्यक मंजूरी के लिए आगे बढ़ाया गया. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि इस जमीन की मार्केट वैल्यू 1,800 करोड़ रुपये है और इसे सरकार की अनुमति के बिना बेचा नहीं जा सकता था. लेकिन इसे सिर्फ 300 करोड़ रुपये में अमाडिया एंटरप्राइजेज नाम की कंपनी को बेच दिया गया, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी भागीदार हैं.
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इंस्पेक्टर जनरल आफ रजिस्ट्रेशन की शिकायत पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने अमाडिया एंटरप्राइजेज में साझेदार दिग्विजय पाटिल, पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से भूमि के 272 'मालिकों' का प्रतिनिधित्व करने वाली शीतल तेजवानी और डिप्टी रजिस्ट्रार आरबी तारू के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. अजित पवार ने शुक्रवार को दावा किया था कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी फर्म द्वारा खरीदी गई जमीन सरकार की है.
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