केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा झारखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किए जाने की घोषणा के कुछ ही देर बाद रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में न तो यूसीसी और न ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू किया जाएगा. सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड आदिवासी संस्कृति, भूमि और अधिकारों की रक्षा के लिए केवल छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संथाल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियमों का पालन करेगा.
न तो यूसीसी और न ही एनआरसी लागू किया जाएगा: सोरेन
गढ़वा में एक रैली में सोरेन ने कहा, 'यहां न तो यूसीसी और न ही एनआरसी लागू किया जाएगा. झारखंड केवल छोटानागपुर काश्तकारी और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियमों पर निर्भर रहेगा. ये लोग (भाजपा) जहर उगल रहे हैं और उन्हें आदिवासियों, मूल निवासियों, दलितों या पिछड़े समुदायों की कोई परवाह नहीं है.'
अमित शाह ने क्या कहा था?
सोरेन का जवाब अमित शाह द्वारा भाजपा के घोषणापत्र को जारी करते समय की गई टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'हमारी सरकार झारखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेगी, लेकिन आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. हेमंत सोरेन और झामुमो सरकार यह झूठा प्रचार कर रही है कि समान नागरिक संहिता आदिवासी अधिकारों, संस्कृति और संबंधित कानून को प्रभावित करेगी, जो पूरी तरह से निराधार है.'
शाह ने जोर देकर कहा कि हालांकि समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आदिवासी अधिकारों पर कोई असर न पड़े.
सोरेन ने शाह की इस टिप्पणी पर भी तीखा हमला किया कि झामुमो के नेतृत्व वाला गठबंधन नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा कि दो चरणों में चुनाव होना इस बात का प्रमाण है कि नक्सलवाद पर लगाम लग गई है, जबकि पहले चुनाव पांच चरणों में होते थे.
भाजपा की तुलना 'सूखते हुए पेड़' से की
उन्होंने भाजपा की तुलना 'सूखते हुए पेड़' से की और उसे उखाड़ फेंकने की कसम खाई. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी का लक्ष्य खनिज संपदा के लिए स्थानीय निवासियों को विस्थापित करना है. सोरेन ने भाजपा पर उनकी सरकार को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'केंद्र ने कोयला कंपनियों द्वारा खनन के लिए राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का कोयला बकाया अभी तक नहीं चुकाया है.'
बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्र के रुख पर सवाल उठाते हुए सोरेन ने पूछा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में उतरने की अनुमति क्यों दी गई, जबकि सरकार ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा, 'कौन से आंतरिक समझौते इसकी अनुमति देते हैं? सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की है.' सोरेन ने अपनी सरकार की कल्याणकारी पहलों, विशेष रूप से मेन्य सम्मान योजना का बचाव करते हुए कहा कि यह धर्म की परवाह किए बिना सभी समुदायों का समर्थन करने के लिए बनाई गई है.
उन्होंने वादा किया, 'आने वाले पांच सालों में हम हर महिला को एक लाख रुपये भेजने का काम करेंगे.' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के डर के कारण चुनाव समय से पहले निर्धारित किए गए थे. 'इन लोगों ने हमारा कार्यकाल पूरा नहीं होने दिया, एक महीना बचा था. उन्होंने एक महीने पहले ही चुनाव की घोषणा कर दी.' 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे तथा मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी.
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