झारखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी जोरदार हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने पर स्पीकर ने तीन बीजेपी विधायक को सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया. विधायकों को सस्पेंड किए जाने पर भाजपा ने सरकार के रवैए को गौर लोकतांत्रिक बताया है और इसके खिलाफ राजभवन का दरवाजा खटखटाया है.
कार्यवाही में व्यवधान कर रहे थे विधायक: स्पीकर
विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के हंगामे के बाद सदन स्थगित होने के बाद दोपहर 12:30 बजे जैसे ही कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण और विधायक भानु प्रताप साही अपनी मांगों के समर्थन में वेल में आ गए. इस पर स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि विधायक सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं.
स्पीकर ने आगे कहा, 'क्या आप प्रश्नकाल नहीं चाहते? क्या मुझे प्रश्नकाल का नाम बदलकर हंगामा काल कर देना चाहिए. मैं बिरंची नारायण और भानु प्रताप साही को मौजूदा सत्र से निलंबित करता हूं. इसके बाद एक अन्य विधायक जेपी पटेल को भी सदन से निलंबित कर दिया. इसके बाद स्पीकर के निर्देश पर मार्शलों ने विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया'.
'हम उठा रहे थे युवाओं का मुद्दा'
वहीं, बीजेपी विधायकों को सदन से निलंबित किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने स्पीकर की कार्रवाई को तानाशाही बताया है. उन्होंने कहा कि हम राज्य के युवाओं से जुड़ा मुद्दा उठा रहे थे, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. अब हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं.
सोमवार को भी हुआ हंगामा
इससे पहले सोमवार को भी विधानसभा भवन में विधायकों के विरोध के कारण विधानसभा में प्रश्नकाल नहीं चल सका.
भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा में हंगामा किया. बीजेपी ने राज्य की रोजगार नीति को साफ करने और इस मुद्दे पर सदन में बहस करने की मांग उठाई थी और बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए थे.
लोकसभा और राज्यसभा से 92 सदस्यों के निलंबन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि जब उन्होंने कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े नकदी के मामले को उठाया तो कहा गया कि यह राज्य विधानसभा से संबंधित मामला नहीं है और अब सत्ता पक्ष के सदस्य इस सदन में सांसदों के निलंबन की निंदा करते हुए प्रस्ताव की मांग कैसे कर सकते हैं, मुझे लगता है कि उनके इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया जाना चाहिए.
संसदीय कार्य मंत्री ने दिया जवाब
नेता प्रतिपक्ष को जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि युवाओं का आंदोलन पिछली सरकार के गलत कामों का नतीजा है. यह सरकार संवेदनशील है और सभी की समस्याओं का समाधान खोज लेगी.
'लक्ष्मण रेखा पार करने पर हुआ एक्शन'
इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि लक्ष्मण रेखा पार करने पर एक्शन हुआ है. शून्य काल विधायक गण इस लिए आते हैं कि वह जनहित की समस्याओं को सदन में रख सके, लेकिन बीजेपी विधायक उसके साथ मजाक करने की कोशिश कर रही है. लिहाजा ये बर्दाश्त से बाहर था. तीनों विधायकों का सस्पेंशन बिल्कुल जायज है.
सत्यजीत कुमार