Jharkhand ACB investigation: झारखंड सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास की सरकार में मंत्री रहे नेताओं पर सख्ती करती नजर आ रही है. राज्य सरकार ने ACB को रघुवर सरकार में मंत्री रहे 5 नेताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच करने का आदेश दिया है.
दरअसल, साल 2020 में पंकज कुमार यादव नामक शख्स ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर कर मांग की थी कि रघुवार दास के समय मंत्री रहे 5 नेताओं की संपत्ति की जांच की जाए. यह याचिका पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं पूर्व राज्य सरकार के मंत्रिमंडल के तहत दाखिल की गई थी. उस याचिका को ही आधार बनाकर हेमंत सरकार ने ACB को जांच करने का आदेश दिया है.
सरकार और विपक्ष में जुबानी जंग जारी
बता दें कि झारखंड में 10 फरवरी से भ्रष्टाचार को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग चल रही है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. मुख्यमंत्री समेत दुमका के विधायक बसंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर और झामुमो विधायक दीपक बिरुआ के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाकर सदस्यता रद्द करने की मांग चुनाव आयोग से की गई है.
हाई कोर्ट में लगाई गई है जनहित याचिका
भाजपा मुख्यमंत्री पर अवैध तरीके से खनन पट्टा लेने और फिर कंपनियों में भागीदारी के मामले की सीबीआई से जांच के लिए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. भाजपा इस बात को साबित करने में लगी है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. बालू और कोयले की अवैध ढुलाई का मामला बार-बार उठाया जा रहा है. इस बीच भ्रष्टाचार के मामले को आधार बनाकर हेमंत सरकार ने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक कार्ड खेला है.
हेमंत सरकार का कदम BJP पर पलटवार
हेमंत सरकार के इस कदम को BJP पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि JMM ये संदेश देना चाहती है कि अगर केंद्र अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल करेगी तो राज्य सरकार के पास भी BJP के खिलाफ करवाई करने का जरिया है.
सत्यजीत कुमार