पहलगाम अटैक पर कश्मीर का इस बार रिएक्शन काफी अलग है? पहली बार दिख रहीं ये 4 बातें

दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले पर कश्मीर घाटी का रिएक्शन अलग नजर आ रहा है. इस जघन्य वारदात के खिलाफ घाटी बंद का आह्वान किया गया है तो वहीं सत्ताधारी से लेकर विपक्षी दल तक एकजुट नजर आ रहे हैं.

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Kashmir Band Pahalgam Terrorist Attack Kashmir Band Pahalgam Terrorist Attack

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई है जबकि एक दर्जन से अधिक घायल हैं. गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे से बीच में ही स्वदेश वापस लौट आए हैं. पीएम मोदी ने शाम छह बजे से सुरक्षा को लेकर कैबिनेट कमेटी की बैठक बुला ली है. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से बात कर फुलेस्ट सपोर्ट का ऐलान कर दिया है.

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श्रीनगर से दिल्ली तक हलचल के बीच कश्मीर घाटी भी इस आतंकी वारदात के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है. इस जघन्य आतंकी वारदात के खिलाफ पहलगाम समेत कश्मीर के कई इलाकों में लोग प्रदर्शन करते नजर आए. ऐसा पहली बार है, जब कश्मीर के लोग आतंकियों के खिला खुलकर बोल रहे हैं. सत्ताधारी और विपक्षी, सभी दल इस वारदात के विरोध में एकजुट हो गए हैं तो वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जैसा संगठन भी घाटी बंद का आह्वान कर रहा है.

आतंकी वारदात के खिलाफ पहलगाम से श्रीनगर तक दुकानें और पेट्रोल पंप बंद हैं. अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 35 साल में पहली बार किसी आतंकी वारदात के खिलाफ कश्मीर की अवाम ने घाटी बंद का आह्वान किया है. पहलगाम अटैक पर कश्मीर का रिएक्शन इस बार अलग बताया जा रहा है और कुछ बातें पहली बार दिख रही हैं.

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1- आतंकी घटना के खिलाफ बंद

पहलगाम हमले के खिलाफ घाटी बंद के आह्वान को आम जनता के साथ ही अलग-अलग राजनीतिक दलों, धार्मिक और व्यापारिक संगठनों और यहां तक कि अलगाववादी छवि वाले नेताओं ने भी समर्थन दिया है. सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस, विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपु्ल्स पार्टी, अपनी पार्टी समेत घाटी की सियासत में मजबूत मौजूदगी रखने वाली पार्टियों ने घाटी बंद का समर्थन किया है. घाटी बंद के आह्वान को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और इसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक का भी समर्थन मिला है.

2- उलेमा संगठन और हुर्रियत भी बंद के साथ

धार्मिक निकायों के संगठन मुत्ताहिदा मजलिस उलेमा ने भी बंद का समर्थन करते हुए लोगों से आह्वान किया है कि घाटी बंद को सफल बनाकर इस जघन्य वारदात के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएं. मीरवाइज उमर फारूक ने इस आतंकी वारदात में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर की इस्लामी बिरादरी शोक संतप्त परिजनों के साथ है. उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण विरोध का भी आह्वान किया.

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3- पीड़ितों की मदद के लिए बढ़े हाथ

जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी इस घटना के बाद पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए. पहलगाम की घटना के बाद टूरिस्ट टैक्सी स्टैंड यूनियन ने देर रात तक स्टैंड खोले रखा जो अमूमन छह से सात बजे तक खुले रखा. टूरिस्ट टैक्सी स्टैंड यूनियन से जुड़े लोग देर रात तक टैक्सी स्टैंड पर जमे रहे. वीडियो जारी करके भी टैक्सी यूनियन ने 24 घंटे मदद के लिए तैयार रहने की बात कही.

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टैक्सी यूनियन की ओर से ये भी कहा गया कि पर्यटकों को गाड़ियों की जरूरत हो, पैसे की जरूरत हो, अपनों से बात करने के लिए मोबाइल फोन की जरूरत हो, रुकने के इंतजाम की जरूरत हो या घायलों के लिए खून की जरूरत हो, हमसे संपर्क कर सकता है. टैक्सी यूनियन की ओर से इसके लिए नंबर भी जारी किए गए.

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4- समाचार पत्रों ने काले रंग में छापे पहले पन्ने

कश्मीर घाटी के कई प्रमुख समाचार पत्रों ने अपना पहला पन्ना काले रंग में छापकर पहलगाम की आतंकी घटना के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया. समाचार पत्रों ने काले पन्ने पर शीर्षक के लिए लिए लाल और सफेद रंग का इस्तेमाल किया. ग्रेटर कश्मीर, राइजिंग कश्मीर, कश्मीर उजमा, आफताब, तैमील इरशाद जैसे अंग्रेजी और उर्दू के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों ने अपने फॉर्मेट में भी बदलाव किया.

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एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र ने पहले पन्ने पर संपादकीय टिप्पणी में लिखा है कि यह जघन्य वारदात न सिर्फ निर्दोष लोगों पर हमला है, बल्कि कश्मीर की पहचान और मूल्य, इसके आतिथ्य, अर्थव्यवस्था और शांति पर किया गया प्रहार भी है. कश्मीर की आत्मा इस क्रूरता की निंदा करती है और पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है.

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