जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इसे पूरे हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन ISI ने 26/11 जैसी साजिश रची और स्थानीय नेटवर्क की मदद से खौफनाक वारदात को अंजाम दिया है. आतंकियों ने बॉडीकैम से मौत की लाइव स्क्रिप्ट रिकॉर्ड की है. सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी कर दिए हैं. हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों की सीधे भूमिका भी सामने आ गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों ने यह हमला पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया है. इस पूरे हमले की योजना मुंबई 26/11 जैसे अटैक की तर्ज पर बनाई गई. सूत्रों के अनुसार, 5 से 6 पाकिस्तानी आतंकियों का एक ग्रुप पिछले कुछ दिनों से पहलगाम के जंगलों में छिपा हुआ था. स्थानीय लोगों की मदद से उन्होंने इलाके में घूमकर रेकी की और सही समय देखकर हमला कर दिया.
हमले से पहले हाई-टेक तैयारी...
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों के पास जो बैग थे, उनमें सूखे मेवे, दवाइयां और कम्युनिकेशन डिवाइस मौजूद थी. यह बताता है कि आतंकवादी लंबे ऑपरेशन की तैयारी करके आए थे.
चूंकि, बेसरान में घास से घिरा बड़ा मैदान है. यहां सिर्फ पैदल या घोड़ों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. पहलगाम से बेसरान की दूरी 6 किमी है. पूरा इलाका पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है और काफी ऊंचाई पर स्थिति है. यहां तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. यह पर्यटकों और ट्रैकर्स की पसंदीदा जगह है. इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती भी नहीं रहती है.
AK-47 से लगातार गोलियों की बौछार
हमले के दौरान तीन से चार आतंकवादियों ने AK-47 से लगातार फायरिंग की. इनमें से दो आतंकवादी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे, जिससे उनके पाकिस्तानी होने की पुष्टि होती है. इनके साथ दो स्थानीय आतंकियों की पहचान भी की गई है. इनके नाम आदिल अहमद ठाकुर (गुरी, बिजबेहड़ा) और आशिफ शेख (मोंघामा, त्राल) बताए गए हैं.
हमले की पूरी रिकॉर्डिंग की गई
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों में से एक या दो के शरीर पर बॉडी कैमरा भी लगे हुए थे, जिससे उन्होंने पूरे हमले की वीडियो रिकॉर्डिंग की. इस फुटेज का उपयोग आगे आतंकी प्रचार के लिए किया जा सकता है.
पर्यटकों ने बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया, तब वहां कोई फोर्स नहीं थी. चूंकि, घने जंगल के कारण भागना और छिपना आसान था, इसलिए नरसंहार के बाद आतंकी गायब हो गए. सूत्रों के मुताबिक इस एरिया में मोबाइल नेटवर्क और सुरक्षा बलों का बैकअप पहुंचने के समय को भी आतंकियों ने नोटिस किया था, उसके बाद हमले की प्लानिंग की गई होगी.
ISI की भूमिका पर शक
हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका होने की संभावना जताई जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस आतंकी हमले का मकसद कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना और पर्यटन को निशाना बनाना था. यही वजह है कि आतंकियों ने पहाड़ों और जंगलों से घिरे इलाके को टारगेट बनाया और बेफिक्र घूम रहे पर्यटकों को चुन-चुनकर मार दिया.
जांच एजेंसियां सतर्क
एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां हमले की गहराई से जांच कर रही हैं. घटनास्थल से बुलेट शेल्स, फॉरेंसिक सैंपल्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जुटाए जा रहे हैं ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके.
मंजीत नेगी