पहलगाम में चली आतंकियों की गोली, दूर बैठे सैलानियों के परिजनों में फैल गई दहशत, कही ये बात

पहलगाम की वादियों में गूंजती गोलियों की आवाज ने ना सिर्फ वहां मौजूद सैलानियों की रूह कंपा दी, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे उनके परिवारों में भी खौफ की लहर दौड़ा दी. जो परिवार कुछ वक्त पहले तक सोशल मीडिया पर कश्मीर की खूबसूरत तस्वीरें देख मुस्कुरा रहे थे, वो अचानक डर और बेबसी में डूब गए. किसी का फोन घंटों बंद रहा, किसी ने टीवी स्क्रीन से नजरें नहीं हटाईं. गुजरात से लेकर दिल्ली, यूपी, कर्नाटक और ओडिशा तक... एक ही सवाल गूंजता रहा – हमारे अपने सुरक्षित हैं या नहीं?

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हमले के बाद सुरक्षाकर्मियों से बात करती हुई महिला. (Photo: PTI) हमले के बाद सुरक्षाकर्मियों से बात करती हुई महिला. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • भावनगर,
  • 23 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

उन परिवारों के लिए वो पल किसी सदमे से कम नहीं था, जब उन्हें पता चला कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है और उनके परिवार के लोग वहां मौजूद थे. गुजरात के भावनगर के रहने वाले विनुभाई डाभी को इस हमले में गोली लगी है, वे घायल हैं. जब उनकी बेटी शीतलबेन को उनके सुरक्षित होने की खबर मिली और पापा की आवाज फोन पर सुनाई दी, तो वह सिहर गईं. उन्होंने कहा कि मैंने उनका इंटरव्यू देखा, वो बोल पा रहे थे... मेरे लिए वही सब कुछ था. पहलगाम के इस हमले में कई राज्यों के लोग मारे गए हैं.

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एजेंसी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में गुजरात के एक सैलानी गोली लगने से घायल हो गए. भावनगर का सैलानी अपने परिवार के साथ कश्मीर यात्रा पर थे, जब यह हमला हुआ. हमले की ख़बर मिलते ही उनके घरवालों की चिंता बढ़ गई. अब उनकी बेटी शीतलबेन ने बताया है कि उनके पिता खतरे से बाहर हैं और संपर्क में हैं.

शीतलबेन डाभी ने कहा कि आतंकी हमले में मेरे पापा के हाथ में गोली लगी है, लेकिन अब वो ठीक हैं. मैंने उनका इंटरव्यू भी देखा है. एमएलए, मेयर, आईजी, एसपी सभी अधिकारी हमसे मिलने आए और उन्होंने मेरे माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की. मेरी मम्मी से मेरी बात हो चुकी है. विनुभाई के रिश्तेदार प्रकाश नाथानी ने भी बताया कि सरकार और स्थानीय प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है.

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में करनाल के विनय नारवाल, डोंबिवली के तीन पर्यटक, कानपुर के शुभम, सूरत के शैलेश भाई कदथिया, पनवेल महाराष्ट्र के दिलीप देसले, पुणे के संतोष जगदाले, ओडिशा के बालासोर निवासी प्रशांत सतपथी और कर्नाटक के शिवमोग्गा के मंजुनाथ राव की जान चली गई.

वहीं गुजरात के भावनगर निवासी विनुभाई डाभी इस हमले में घायल हुए, जिनकी बेटी और परिवार ने अब उनके सुरक्षित होने की जानकारी दी है. अधिकांश पीड़ित पर्यटक थे, जो छुट्टियां मनाने पहुंचे थे. किसी की शादी को अभी दो महीने ही हुए थे, तो किसी ने पहली बार कश्मीर देखा था. शोकाकुल परिवारों के घरों के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ रही है, और प्रशासनिक व राजनीतिक हस्तियां उन्हें सांत्वना देने पहुंच रही हैं.

वहीं दिल्ली के एक पर्यटक समीर भारद्वाज ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से कश्मीर में हैं और पहलगाम जाने की योजना थी, लेकिन अब हम दिल्ली लौट रहे हैं. यहां जो हुआ वो बहुत गलत है. पहलगाम जैसे शांत इलाके में बेहद दर्दनाक घटना हुई है. हमले के बाद पूरे पहलगाम इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.

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