J-K: 'आओ आमना-सामना हो जाए...', बिंदरू की बेटी की आतंकियों को खुली चुनौती

फॉर्मासिस्ट माखन लाल की बेटी डॉक्टर श्रद्धा बिंदरू ने कहा, 'हिंदू होने के बावजूद मैंने कुरान पढ़ी है. कुरान कहता है कि तुम शरीर को मार सकते हो, आत्मा जीवित रहती है. बिंदरू आत्मा के रूप में जिंदा रहेगा.'

Advertisement
फॉर्मासिस्ट माखन लाल बिंदरू और उनकी बेटी डॉक्टर श्रद्धा बिंदरू (वीडियो ग्रैब) फॉर्मासिस्ट माखन लाल बिंदरू और उनकी बेटी डॉक्टर श्रद्धा बिंदरू (वीडियो ग्रैब)

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 06 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST
  • फॉर्मासिस्ट माखन लाल बिंदरू की आतंकियों ने कर दी थी हत्या
  • 'राजनेता आपका उपयोग कर रहे, आओ और शिक्षा पर बहस करो'
  • आप केवल पत्थर फेंक सकते हैं, पीछे से गोलियां चला सकते होः श्रद्धा

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के प्रमुख फॉर्मासिस्ट माखन लाल बिंदरू की बेटी डॉक्टर श्रद्धा बिंदरू, ने उनके पिता की हत्या करने वाले बंदूकधारियों को एक बहस में उनका सामना करने की चुनौती दी है. श्रद्धा के पिता माखन लाल की मंगलवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कल मंगलवार को श्रीनगर और बांदीपोरा जिलों में अलग-अलग घटनाओं में संदिग्ध आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू समेत तीन नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी. माखन लाल बिंदरू की श्रीनगर में उनकी दुकान बिंदरू मेडिकेट में हत्या कर दी गई थी.

Advertisement

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने बुधवार को पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. परिजनों से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुख की बात है. उन्होंने लोगों को सब कुछ दिया. जब लोग यहां से चले गए तब भी वे लोगों की सेवा के लिए रुके रहे. लेकिन कुछ अमानवीय लोगों ने उनकी हत्या कर दी.

दूसरी ओर, श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने ट्वीट कर कहा कि हफ्त चिनार चौक से जहांगीर चौक (जहां बिंदरू मेडिकेट स्थित है) तक की सड़क का नाम शहीद माखन लाल बिंदरू रोड रखा जाएगा, जो समाज में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि होगी. इस संबंध में एक प्रस्ताव औपचारिक रूप से एसएमसी जनरल काउंसिल में प्रस्तावित किया जाएगा.

इसे भी क्लिक करें --- J-K: माखन लाल बिंदरू के परिजनों से मिले फारुक अब्दुल्ला, कश्मीर के लाल चौक पर जलाई गई मोमबत्तियां 

Advertisement

उनकी आत्मा हमेशा जीवित रहेगीः श्रद्धा 

पिता की आतंकियों की ओर से की गई हत्या पर श्रद्धा बिंदू ने कहा, 'उनके पिता भले ही मर गए हों, लेकिन उनकी आत्मा हमेशा जीवित रहेगी. मेरे पिता एक लड़ाकू थे, हमेशा कहते थे कि 'मैं अपने जूते पहनकर मरूंगा.''

श्रद्धा ने कहा, 'आप एक व्यक्ति को मार सकते हैं, लेकिन आप माखन लाल की आत्मा को नहीं मार सकते. जिसने मेरे पिता को गोली मारी है, मेरे सामने आओ. मेरे पिता ने मुझे शिक्षा दी, जबकि राजनेताओं ने तुम्हें बंदूकें और पत्थर दिए. आप बंदूकों और पत्थरों से लड़ना चाहते हैं? यही कायरता है. सभी राजनेता आपका उपयोग कर रहे हैं, आओ और शिक्षा पर बहस करो.'

उन्होंने आगे कहा, 'मिस्टर, जिन्होंने काम करते समय मेरे पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी, अगर आप में हिम्मत और साहस है, तो आओ और हमारे साथ आमने-सामने बहस करें. फिर हम देखेंगे कि आप क्या हैं. आप नहीं करेंगे. एक शब्द बोलने में सक्षम हो. आप केवल पत्थर फेंक सकते हैं और पीछे से गोलियां चला सकते हो.'

हिंदू होने के बावजूद मैंने कुरान पढ़ीः श्रद्धा

अपने परिवार की यात्रा को याद करते हुए श्रद्धा बिंदरू ने कहा, 'मैं एक एसोसिएट प्रोफेसर हूं. मैंने शून्य से शुरुआत की. मेरे पिता ने साइकिल से शुरुआत की, मेरा भाई एक प्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ (diabetologist) है, मेरी मां दुकान में बैठती है, इन्हीं माखन लाल बिंदरू ने हमें बनाया है. एक कश्मीरी पंडित, वह कभी नहीं मरेगा. हिंदू होने के बावजूद मैंने कुरान पढ़ी है. कुरान कहता है कि तुम शरीर को मार सकते हो, आत्मा जीवित रहती है. बिंदरू आत्मा के रूप में जिंदा रहेगा.'

Advertisement

इससे पहले एक अन्य साक्षात्कार को श्रद्धा को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'वह एक शानदार शख्स थे जिन्होंने कश्मीर और कश्मीरियत की सेवा की. उनका शरीर चला गया लेकिन उनकी आत्मा अभी भी जीवित है. अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति ने अपने लिए नरक के दरवाजे खोल दिए हैं.'

68 वर्षीय माखन लाल बिंदरू को हमलावरों ने उस समय गोली मार दी जब वह अपनी फॉर्मेसी में था और दवा बेच रहे थे. 

बिंदरू को चार गोलियां लगीं 

एक अधिकारी ने बताया कि माखन लाल बिंदरू को चार गोलियां लगीं और उन्हें तुरंत एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. क्षेत्र के एक प्रसिद्ध केमिस्ट, बिंदरू कई दशकों से श्रीनगर में अपनी फॉर्मेसी चला रहे थे, साथ में  परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते थे.

एक कश्मीरी पंडित, माखन लाल बिंदरू अपने समुदाय के उन चंद लोगों में से एक थे, जो 1990 में आतंकवाद की शुरू होने के बावजूद घाटी से बाहर नहीं गए. वह अपनी पत्नी के साथ अपने बिजनेस का संचालन जारी रखने के लिए रुक गए थे, जो कि दवाओं के लिए शहर में एक विश्वसनीय नाम बन गया.

एक अधिकारी ने बताया कि एक घंटे के भीतर आतंकवादियों ने शहर के हवाल क्षेत्र में हमला कर दिया, जिसमें बिहार के रहने वाले एक रेहड़ी-पटरी विक्रेता की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि भेलपुरी बेचने वाले वीरेंद्र पासवान को भी गोली मार दी गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

Advertisement

अधिकारियों ने कहा कि दूसरी हत्या के कुछ ही मिनटों के भीतर, आतंकवादियों ने बांदीपुरा जिले के नायदखाई में मोहम्मद शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी. लोन स्थानीय टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष थे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement