पहलगाम में फ्लड अलर्ट... साउथ कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद बढ़ने लगा जलस्तर

लगातार बारिश ने जम्मू-कश्मीर को संकट में डाल दिया है. नदियों और नालों का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास पहुंच चुका है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और राजमार्ग ठप पड़ा है, जबकि मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

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दक्षिण कश्मीर में कई नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. (Photo-PTI) दक्षिण कश्मीर में कई नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. (Photo-PTI)

मीर फरीद

  • पहलगाम,
  • 03 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

जम्मू-कश्मीर में मंगलवार शाम से भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि नदियों और नालों का जलस्तर खतरे के स्तर के करीब है. बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग लगातार 8वें दिन भी बंद है. मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आज (3 सितंबर) भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए आज कश्मीर संभाग के स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे दक्षिण कश्मीर में बाढ़ का अलर्ट है.

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अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि घाटी में बारिश के कारण कश्मीर की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिसके कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने घाटी में स्कूलों और कॉलेजों को आज के लिए बंद करने की भी घोषणा की है, क्योंकि मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटों में और अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है. अधिकारियों ने बताया कि हालांकि झेलम नदी और इसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं.

लेकिन श्रीनगर सहित दक्षिण और मध्य कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर जल निकायों में मंगलवार को बारिश शुरू होने के बाद से जल स्तर तीन फुट तक बढ़ गया है. पहलगाम में शेषनाग और लिद्दर नाला खतरे के निशान को पार कर गया है, विशो नाला बाढ़ के स्तर से ऊपर बह रहा है, आरु नाला भी बाढ़ के स्तर को पार करने वाला है.

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शेषनाग नाला:
वर्तमान जलस्तर: 6.36 फीट (सुबह 5 बजे का डेटा)
बाढ़ घोषणा स्तर: 4.59 फीट
खतरे का स्तर: 5.09 फीट

आरु नाला:
वर्तमान जलस्तर: संभवतः बाढ़ घोषणा चिह्न से ऊपर
बाढ़ घोषणा स्तर: 4.59 फीट
खतरे का स्तर: 5.09 फीट

लिद्दर नाला:
वर्तमान जलस्तर: 1.67 मीटर
बाढ़ घोषणा स्तर: 1.5 मीटर
खतरे का स्तर: 1.65 मीटर

विशो नाला:
वर्तमान जलस्तर: 8.24 मीटर
बाढ़ घोषणा स्तर: 7.75 मीटर
खतरे का स्तर: 8.50 मीटर


बता दें कि जम्मू और कश्मीर में 1901 के बाद से छठा सबसे ज्यादा बारिश वाला अगस्त महीना रहा है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में 319.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य बारिश 184.9 मिमी होती है, जो 73% अधिक है. वहीं, जम्मू प्रांत का रियासी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है, जहां रातभर लगभग 203 मिमी बारिश दर्ज की गई. ज़िले की सभी प्रमुख सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं, ज़िला मुख्यालय और उप-मंडल मुख्यालयों का संपर्क टूट गया है, धर्मारी सहित कई घरों के ढहने की ख़बरें हैं. पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद है.

अधिकारियों ने बताया, "भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) को सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन, पत्थर गिरने और जलभराव की घटनाएं हुई हैं." अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर आज कश्मीर भर में शैक्षणिक संस्थान भी बंद कर दिए हैं. उन्होंने कहा, "खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर कश्मीर संभाग के स्कूल और कॉलेज आज 03.09.2025 को बंद रहेंगे."

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